
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के वीर सावरकर को लेकर किए गए बयान के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने टिप्पणी की है.असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, वे इतिहास को तोड़ मरोड़ के पेश कर रहे हैं. अगर यह जारी रहा, तो वे महात्मा गांधी को हटा देंगे और सावरकर को राष्ट्रपिता बना देंगे, जिन पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया गया था और जिन्हें जस्टिस जीवन लाल कपूर की जांच में शामिल घोषित किया गया था.
दरअसल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था, 1910 के दशक में अंडमान में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सावरकर की दया याचिकाओं के बारे में विवाद का उल्लेख करते हुए, मंत्री ने कहा, ‘यह एक कैदी का अधिकार था. गांधी जी ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा था. बापू ने अपील में सावरकर करने की भी बात कही थी. उन्होंने कहा था जिस तरह हम शांति से आजादी के लिए लड़ रहे हैं, वह भी ऐसा ही करेंगे.’
They are presenting distorted history. If this continues, they'll remove Mahatma Gandhi & make Savarkar the father of the nation, who was accused of the murder of Mahatma Gandhi & was pronounced complicit in the inquiry of Justice Jeevan Lal Kapur: AIMIM chief Asaduddin Owaisi https://t.co/1aEsVMgZLC pic.twitter.com/ue2Q8Oxy3Z
— ANI (@ANI) October 13, 2021
फासीवादी और हिंदुत्व के समर्थक होने का आरोप
राजनाथ सिंह उदय माहूरकर और चिरायु पंडित द्वारा लिखित पुस्तक वीर सावरकर- द मैन हू कैन्ड प्रिवेंटेड पार्टिशन के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे. रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि मार्क्सवादी और लेनिनवादी विचारधाराओं का पालन करने वाले लोगों ने सावरकर पर फासीवादी और हिंदुत्व के समर्थक होने का आरोप लगाया.
सावरकर पर लिखी पुस्तक के विमोचन के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी कहा कि आजादी के बाद से वीर सावरकर के बारे में लोगों में जानकारी का अभाव है. लेकिन अब लोग इस पुस्तक के जरिए वीर सावरकर को जान सकेंगे. इसके बाद स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती और योगी अरविंद का नंबर है. उनके बारे में भी सही जानकारियां लोगों तक पहुंचाई जाएंगी. भागवत ने आगे कहा कि आजादी के बाद से ही वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चलाई जा रही है। लेकिन अब इस पुस्तक से लोगों में ये भ्रम टूट जाएगा। इसके बाद स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती और योगी अरविंद का नंबर है, क्योंकि वीर सावरकर की ही तरह इनके बारे में भी गलत जानकारियां फैली हैं। वीर सावरकर जो भी थे, इन्हीं तीनों के विचारों से प्रभावित थे.