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अंकित दास का खुलासा-आशीष मिश्रा ने कहा था, चलो किसानों को सबक सिखाते हैं

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लखीमपुर कांड में सह-आरोपी अंकित दास ने क्राइम ब्रांच के सामने पूछताछ में कई अहम बातें कबूल की हैं. अंकित ने बुधवार को SIT के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था जिसके बाद से उससे पूछताछ जारी है. अंकित ने पूछताछ में कबूल किया है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा किसानों के प्रदर्शन से काफी नाखुश थे और उन्हें सबक सिखाने की बात भी कही थी. हालांकि किसानों पर जीप चढ़ाने के वक़्त आशीष गाड़ी में था या नहीं इस पर उसने चुप्पी साध ली है.

पुलिस का नोटिस मिलने के बाद अंकित राज सुबह 11 बजे क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचा था. इस दौरान उसके साथ गनर लतीफ उर्फ काले भी था. पूछताछ में अंकित ने बताया कि वारदात से कुछ समय पहले ही राईस मिल पर आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भईया की उससे मुलाक़ात हुई थी. अंकित ने उन्हें जब प्रदर्शनकारी किसानों के बारे में बताया तो वे भड़क गए और कहा था कि चलो उन्हें सबक सिखाते हैं. हालांकि जीप में आशीष था या नहीं इस पर उसने स्पष्ट जवाब नहीं दिया है. अंकित ने बताया कि वारदात के दिन मैं डिप्टी सीएम केशव मौर्या को रिसीव करने गया था. उसने बताया कि थार के पीछे मैं काली फार्च्यूनर में था जिसे शेखर भारती चला रहा था. उसने बताया कि आगे चल रही जीप किसानों को कुचलते हुए आगे निकल गई.

अंकित दास और गनर ने की थी भीड़ पर फायरिंग

पूछताछ में अंकित ने बताया कि किसानों को कुचलने के बाद जीप पलट गई थी. जीप को हरिओम मिश्रा चला रहा था जिसे भीड़ ने खींचकर बाहर निकाल लिया था. अंकित ने कहा कि हम घबरा गए थे और गाड़ी से उतर कर मैंने और काले ने भीड़ पर फायरिंग की. इसके साथ ही मौके से भाग निकले. वहीं काले ने बताया कि वो करीब दस साल से अंकित दास के बॉडीगार्ड और गनर का काम कर रहा हूं.

अंकित के गनर काले ने बताया कि आगे चल रही थार गाड़ी को हरिओम चला रहा था और उसके पायदान पर दो लोग खड़े थे. वहीं जिस गाड़ी में अंकित था उसे शेखर भारती चला रहा था. काले ने बताया कि अंकित के पास पिस्टल और उसके पास रिपीटर गन है. काले ने भी बताया कि किसानों के घिरने पर उसने उन पर फायरिंग की थी. अब पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान पुलिस अंकित और काले से मोबाइल और हथियार भी बरामद करेगी.

राष्ट्रपति के पास पहुंचा लखीमपुर मामला

लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ाने और उसके बाद भड़की हिंसा मामले में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन जाकर मिला. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में तथ्यों से जुड़ा एक ज्ञापन भी राष्ट्रपति को सौंपा है और मामले में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए दखल देने की अपील की है. राष्ट्रपति से मुलाकात करने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति जी से कहा कि आरोपी के पिता जो गृह राज्य मंत्री हैं, को पद से हटा देना चाहिए क्योंकि उनकी मौजूदगी में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के दो मौजूदा जजों से भी जांच कराने की मांग की गई है. प्रियंका गांधी ने बताया कि मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने आज ही सरकार से मामले पर चर्चा करने का भरोसा दिलाया है.

प्रतिनिधिमंडल में शामिल मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हमने राष्ट्रपति को लखीमपुर खीरी कांड के संबंध में सारी जानकारी दी. हमारी 2 मांगें हैं- मौजूदा जजों से स्वतंत्र जांच होनी चाहिए और गृह राज्य मंत्री (अजय मिश्रा टेनी) को या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या बर्खास्त कर देना चाहिए. मामले में न्याय तभी संभव होगा.” कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बावजूद मामले में केंद्रीय मंत्री और उनके परिवार के खिलाफ उचित कार्यवाही नहीं हो सकी है. इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा एके एंटनी, मलिल्कार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, प्रियंका गांधी वाड्रा, के सी वेणुगोपाल और अधीर रंजन चौधरी शामिल थे.

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