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चीन ने गलवान घाटी पर फिर किया दावा, चीनी सैनिकों ने ‘फहराया’ झंडा, राहुल गांधी ने कहा- ‘मोदी जी चुप्पी तोड़िए’

नए साल की अभी शुरुआत ही हुई है कि चीन ने अपनी नापाक हरकतों को दिखाना शुरू कर दिया है. दरअसल, चीन ने एक जनवरी को गलवान घाटी (Galwan Valley) में अपना दावा करते हुए अपने झंडे को फहराया. इस घटना के वीडियो को चीनी सरकार (Chinese Army) के विभिन्न मुखपत्रों द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किया गया. ग्लोबल टाइम्स ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत के साथ सीमा के पास गलवान घाटी में ‘एक इंच भी जमीन नहीं देने’ के नियम के तहत, PLA के सैनिकों ने वहां से एक जनवरी 2022 को चीनी लोगों को नए साल की शुभकामनाएं दी.’

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सरकार से जुड़े मीडिया प्रतिनिधि शेन शिवेई (Shen Shiwei) ने ट्वीट कर कहा, ‘2022 के नए साल के दिन गलवान घाटी में चीन का राष्ट्रीय ध्वज लहराया. ये राष्ट्रीय ध्वज बहुत खास है क्योंकि इसे एक बार बीजिंग (Beijing) में तियानमेन स्क्वायर (Tiananmen Square) पर फहराया गया था.’ वहीं, अब विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई हैं. कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से गलवान में चीनी घुसपैठ पर चुप्पी तोड़ने को कहा.

अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदलने का भी किया प्रयास

राहुल गांधी ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ‘हमारा झंडा गलवान में अच्छा लगता है. चीन को एक कड़ी प्रतिक्रिया दी जानी चाहिए. मोदी जी अपनी चुप्पी तोड़िए.’ सीमा पर उकसावे की कार्रवाई चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों के नाम बदलने के कुछ दिनों बाद हुई. सरकार ने तब तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दोहराया था कि अरुणाचल प्रदेश राज्य भारत का अभिन्न अंग है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 30 दिसंबर को एक बयान में कहा था, ‘हमने ऐसी रिपोर्ट देखी है. यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश राज्य में स्थानों के नाम बदलने का प्रयास किया है. लेकिन ऐसा करने से फैक्ट नहीं बदलेगा.

2020 में हुई थी लद्दाख में झड़प

गौरतलब है कि 15 जून 2020 लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी. ये झड़प 45 सालों में सबसे भीषण संघर्षों में से एक था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. इसने चीन के साथ सैन्य गतिरोध को जन्म दिया और फिर सीमा पर तनाव को कम करने के लिए कई दौर की बातचीत हुई. फरवरी 2021 में चीन ने आधिकारिक तौर पर पहली बार घोषणा की कि गलवान संघर्ष में पांच चीनी सैन्य अधिकारी और सैनिक भी मारे गए थे.

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