कोरोना से जंग जीत चुके व्यक्तियों से न करें भेदभाव: डॉ एके सिन्हा

- कोरोना रैपिड रिस्पांस टीम के प्रभारी डॉ ए के सिन्हा ने आमजनों से की अपील
- कोरोना से जंग जीत चुके व्यक्तियों से नहीं रहता दोबारा संक्रमण फैलने का खतरा
- ऐसे व्यक्तियों के प्रति सकारात्मक सोच रखें
संतकबीरनगर। देश में एक तरफ जहाँ कोरोना से संक्रमितों की संख्या में वृद्धि हुई है वहीँ दूसरी तरफ कोरोना से जंग जीतने वालों की भी संख्या बढ़ रही है। कोरोना से जंग के माहौल में समाज में कुछ अफवाहें भी तेजी से फैली हैं, कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों से सामाजिक दूरियां अपनाने की बात कही जा रही है, लेकिन कुछ लोग सामाजिक दूरियों को मानसिक एवं भावनात्मक दूरियों में तब्दील करते दिख रहे हैं।
कोरोना को लेकर फैलाये जा रहे दुष्प्रचार का आलम यह है कि जिले में कोरोना से जंग जीत चुके लोगों को अब भी सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है, जबकि संक्रमित की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है और उनका पूरा परिवार 14 दिन की क्वारंटाइन अवधि भी पूरी कर चुके हैं। अब परिवार में भी किसी को कोरोना का संक्रमण नहीं है, फिर भी समुदाय में कुछ लोग उनका सामाजिक बहिष्कार करने पर आमदा हैं। इसको गंभीरता से लेते हुए कोरोना रैपिड रिस्पांस टीम के प्रभारी डॉ ए के सिन्हा ने लोगों से ऐसे माहौल में भ्रामक जानकारियों से बचने की सलाह दी हैं।
संक्रमण ठीक होने के बाद कोरोना का नहीं होता है प्रसार
डॉ ए के सिन्हा ने बताया कोरोना से जंग जीत चुके व्यक्तियों से भेदभाव न करें, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित करें। उन्होंने आमजनों से अपील की है कि जो व्यक्ति कोरोना संक्रमण को मात दे चुके हैं, उनके साथ सामाजिक भेदभाव न करें। कोरोना जैसे गंभीर रोगों को मात देने वाले के प्रति भेदभाव की जगह उनका सम्मान करना चाहिए, उनके साहस को ऐसे दौर में प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। कोरोना एक संक्रामक बीमारी है।
यह किसी को भी हो सकती है, लेकिन इसके साथ यह भी सच है कि सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए इससे बचा जा सकता है। साथ ही जो व्यक्ति बिलकुल ठीक हो चुके हैं, उनसे यह संक्रमण किसी और व्यक्ति में नहीं फ़ैल सकता है। इसलिए उनसे डरने की कोई जरूरत नहीं हैं। ऐसे मुश्किल हालात में लोगों को एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ़ मजबूती से लड़ने की भी जरूरत है। ऐसे व्यक्तियों से सामाजिक दूरी बनाने के बजाय उनका मनोबल बढ़ाएं और उनके प्रति सकारात्मक सोच रखें।
स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों से दोबारा नहीं फैलता संक्रमण
डॉ ए के सिन्हा ने कहा कि कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों से दोबारा संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है। सभी सावधानियों के बावजूद, यदि कोई कोरोना से संक्रमित होता है, तो यह उनकी गलती नहीं है। संकट की स्थिति में, रोगी और परिवार को सहायता और सहयोग की आवश्यकता होती है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अभी हालात ठीक हैं और ज्यादातर लोग इससे उबर जाते हैं । हम सामाजिक दूरी अपनाकर नियमित रूप से हाथ को धोकर और खांसने और छींकने के शिष्टाचार का पालन कर खुद को संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं।