उत्तर प्रदेशमुरादाबाद

मुरादाबाद : मोबाइल संदेश के जरिये मिलेंगी गन्ना तौल की पर्चियां, किसानों के अभिलेख अपडेट करने में जुटा विभाग

मुरादाबाद। किसानों के लिए राहत की बात है। गन्ना सर्वे के सट्टा प्रदर्शन में किसानों के अभिलेखों में मिली कमी दूर करने में विभाग ने ताकत झोंक दी है। गन्ना पेराई सत्र में दिक्कत न हो, इससे पहले किसानों के अभिलेख अपडेट किए जा रहे हैं। किसानों ने गन्ना फसल का रकबा कम, मोबाइल नंबर सही दर्ज होने की शिकायतें की थीं। अब किसानों को मोबाइल पर संदेश के जरिये आसानी से गन्ना तौल पर्चियां मिलेंगी।
20 जुलाई से 20 अगस्त तक गन्ना विभाग और चीनी मिल कर्मचारियों ने ग्राम पंचायत स्तर पर गन्ना सर्वे सट्टे का प्रदर्शन किया। किसानों को बताया कि अगर गन्ना फसल रकबे के रिकार्ड में कोई कमी है तो वे उसे दूर करा सकते हैं। किसानों ने पेड़ी, पौधा रकबा और मोबाइल नंबर को लेकर अभिलेखों की जानकारी की। कुछ किसानों के अभिलेखों में कमी मिली तो उनसे फार्म भरवाया गया। अब विभागीय अधिकारी उन किसानों के अभिलेखों को अपडेट कर रहे हैं। जिन्होंने अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।
उप आयुक्त गन्ना हरपाल सिंह ने बताया कि जिन किसानों ने अपनी शिकायत दर्ज कराई है। उनका डाटा सही किया जा रहा है। मंडल भर से किसानों की संख्या भी जुटाई जा रही है, जिन्होंने सट्टा प्रदर्शन के दौरान अपनी गन्ना फसल के रकबे को लेकर आपत्तियां दर्ज कराई थीं। बताया कि नए किसानों ने गन्ना समिति का सदस्य बनने के लिए भी फार्म भरे हैं। उनको समितियों को भेजा जाएगा। ताकि गन्ना तौल पर्चियां जारी करने के दौरान किसानों को दिक्कत नहीं हो सके।
गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग की पहचान को अभियान
मुरादाबाद। गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग की पहचान के लिए विभागीय अधिकारी अभियान चला रहे हैं। किसानों को जागरूक कर गन्ने का बीज बदलने और अच्छी प्रजाति का बीज बोने की सलाह की जा रही है। गांव काफियाबाद में कई किसानों के गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग पाया गया। जिला गन्ना अधिकारी रामकिशन ने बताया कि गन्ना विभाग और चीनी मिल के कर्मचारी क्षेत्रों में जाकर गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग की पहचान कर रहे हैं। बिलारी क्षेत्र के कई गांवों में फसलों को देखा गया, जहां पर फसल में रोग लगा मिला। किसानों को इसकी रोकथाम की जानकारी दी गई। बताया कि लाल सड़न रोग से गन्ना बेकार हो जाता है। इससे किसानों को नुकसान होता है और चीनी उत्पादन पर भी असर पड़ता है।

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