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देश ने बनाया नया कीर्तिमान, 100 करोड़ के पार हुआ वैक्सीनेशन, राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे पीएम मोदी

भारत ने कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में स्वर्णिम इतिहास रच दिया है. नए मील के पत्थर को पार करते हुए देश में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ के पार पहुंच गया है. कोरोना वायरस के खिलाफ जारी युद्ध में भारत ने ये नया कीर्तिमान बनाया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे. 21 अक्टूबर 2021 को भारत ने 279 दिन में 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पार कर लिया. प्रधानमंत्री ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल की विजिट के दौरान डॉक्टरों और फ्रंट लाइन वर्कर्स से मुलाकात की. 10 महीने पहले कोरोना योद्धाओं के समर्पण और सरकार की प्रतिबद्धता सजगता के दम पर 16 जनवरी 2021 को कोरोना के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू हुई थी.

भारत सरकार के बयान के मुताबिक अब तक राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को 103.5 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी की जा चुकी हैं. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास 10.85 करोड़ से ज्यादा शेष और अप्रयुक्त वैक्सीन खुराक अभी भी उपलब्ध हैं. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि महामारी के इस दौर में जिस तरह से लोगों ने अनुशासन रखा, कोरोना के सारे दिशा-निर्देशों का पालन किया और अपनी इच्छाशक्ति, आत्मशक्ति और अपने विश्वास को बनाए रखा उसी का परिणाम है कि आज देश ने 100 करोड़ कोविड-19 वैक्सीनेशन का आंकड़ा पार किया है.

10 महीने में असंभव को किया संभव

भारत ने सिर्फ 10 महीने में असंभव को संभव कर दिया. करीब 130 करोड़ की आबादी में कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ वैक्सीनेशन का डोज का आंकड़ा देश के लिए बेहतरीन उपलब्धि है. भारत की इस कामयाबी ने दुनिया को चौंका दिया है. इस वर्ल्ड रिकॉर्ड के पीछे आम से लेकर खास, हर हिंदुस्तानी का अहम रोल है. वैज्ञानिकों, वैक्सीन कंपनियों, डॉक्टर, हेल्थकेयर वर्कर्स ने कड़ी मेहनत की है तो दूसरी ओर सरकार की स्पष्ट नीति, साफ नीयत और सजगता का रिजल्ट सबके सामने हैं. इस सबकी बदौलत हिंदुस्तान ने वो कर दिखाया है, जिसके बारे में बाकी देश कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.

ऐसे भारत ने हासिल किया मुकाम

सरकार ने वैक्सीन रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए 900 करोड़ रुपये का कोविड सुरक्षा मिशन शुरू किया था. जिस दौरान वैक्सीन बनाने का काम चल रहा था, उसी समय वैक्सीन को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने के मिशन पर भी काम शुरू कर दिया गया था. देश के वैज्ञानिक भरोसे पर खरे उतरे और टीका तैयार हो गया. 16 जनवरी को टीकाकरण की शुरुआत हुई. लेकिन उसके साथ ही वैक्सीन की सुरक्षा और असर को लेकर आशंकाएं उठना भी शुरू हो गई. सरकार ने हर आशंका, हर सवाल का जवाब दिया, लोगों को जागरूक किया और स्टेप बाई स्टेप काम करती रही. जब वैक्सीन की सुरक्षा और असर पर सवाल खत्म हो गए तो वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन पर उंगली उठाई गई. लेकिन थोड़े ही वक्त में सवाल उठाने वाली राज्य सरकारों को अहसास हो गया कि ये काम बहुत मुश्किल है.

अमेरिका ने लगाईं सिर्फ 41 करोड़ डोज

अमेरिका में अब तक करीब 41 करोड़ डोज ही लगाई गई हैं.रूस और यूके में ये आंकड़ा साढ़े 9 करोड़ के आसपास है.जर्मनी में 11 करोड़ और फ्रांस में करीब पौन दस करोड़ डोज लगाई गई हैं..ये आंकड़े इसलिए भी अहम हैं, क्योंकि भारत में इन सबसे बहुत ज्यादा आबादी है और इन तमाम मुल्कों में भारत से बहुत पहले वैक्सीनेशन शुरू हो गया था.

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