संसद में शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा से विपक्ष के 12 निलंबित सांसदों के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने सोमवार सुबह 10 बजे बैठक बुलाई है. विपक्ष के सूत्रों से मिली खबर के अनुसार इस बैठक में उन दलों को बुलाया गया है, जिनके सदस्य निलंबित हैं. हालांकि इस मामले पर अब विवाद भी शुरू हो गया है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित करने के बजाए केवल 4 दलों के नेताओं को आमंत्रित करने को अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार बताया. वहीं न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि विपक्षी दलों ने 12 राज्यसभा सदस्यों के निलंबन के मुद्दे को हल करने के लिए नेताओं के चयन के सरकार के प्रयास को खारिज कर दिया.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से कहा कि 12 सांसदों के निलंबन के विरोध में विपक्षी दल एकजुट है. सरकार से हमारी सहमति नहीं बनी है. सभी विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित करने के बजाए केवल 4 विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित करना अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं, न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि विपक्षी दलों ने 12 राज्यसभा सदस्यों के निलंबन के मुद्दे को हल करने के लिए नेताओं के चयन के सरकार के प्रयास को खारिज कर दिया.
इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उन्हें और कांग्रेस समेत चार राजनीतिक दलों को सोमवार सुबह 10 बजे बैठक के लिए बुलाया है. उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट लाइब्रेरी बिल्डिंग में होने वाली बैठक में तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई (एम) और सीपीआई को भी बुलाया गया है, जिनके राज्यसभा सदस्यों को निलंबित किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल होने पर फैसला लेने के लिए विपक्षी दल सोमवार सुबह मिलेंगे.
Union Parliamentary Affairs minister Pralhad Joshi has called me a meeting of leaders of four political parties- Congress, TMC, CPI(M) and CPI whose Rajya Sabha MPs are suspended, tomorrow at 10am in Parliament Library Building: Sanjay Raut, Shiv Sena MP
— ANI (@ANI) December 19, 2021
सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने निकाला था मार्च
सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले हफ्ते कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने मार्च निकाला था और सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया था. विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा से विजय चौक तक मार्च निकाला था. मार्च के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि सांसदों के निलंबन को 14 दिन हो गए हैं. सदन में विपक्ष जो चर्चा करना चाहता है, सरकार वो चर्चा नहीं होने देती. विपक्षी सदस्य अपनी आवाज उठाते हैं तो सरकार उनको डराकर-धमकाकर निलंबित कर देती है. विपक्ष की आवाज कुचली जा रही है, ये लोकतंत्र की हत्या है.
राज्यसभा में सिर्फ 46.70 फीसदी हुआ कामकाज
निलंबन के बाद से ये सांसद संसद की कार्यवाही के दौरान प्रतिदिन सुबह से शाम तक संसद परिसर में धरना दे रहे हैं. जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं.