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भत्तों की कटौती के विरोध में कर्मचारियों ने कैंडिल जलाकर जताया विरोध

लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के आह्वान पर लॉक डाउन के दौरान अनोखा आंदोलन देखने को मिला। संगठन ने दावा किया कि देशभर के केंद्रीय एवं राज्यों के सरकारी कर्मचारी शिक्षकों, ऑटोनॉमस, स्थानीय निकाय एवं सार्वजनिक निगमों, उपक्रमों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने दोपहर 12 बजे अपने घरों पर व ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों ने मोमबत्ती जलाकर भत्ता कटौती का विरोध जताया।

मुख्य रूप से नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी फिल्ड कर्मचारी और तकनीकी कर्मचारियों ने अपने अस्पताल, संस्थानों में मोमबत्ती जलाकर भत्तों में कटौती का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन भेजकर कटौती पर पुनर्विचार करने की मांग की। दोपहर 12 बजे के बाद से ही लखनऊ में बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल, केजीएमयू, लिम्ब सेंटर, डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल, वन विभाग मुख्यालय, नगर निगम मुख्यालय, सचिवालय, संयुक्त चिकित्सालय ठाकुरगंज, लिम्ब सेंटर, राजभवन समेत अन्य विभागों के मुख्यालयों से कर्मचारियों के मोमबत्ती जलाकर विरोध करने की सूचनाएं मिलने लगीं। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि सूर्यास्त के बाद शाम सात बजे कर्मचारी अपने घरों पर भी दीप व मोमबत्ती जलाएंगे।

कर्मचारियों का आर्थिक नुकसान करना बर्दाशत नहीं

इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के अध्यक्ष वीपी मिश्र ने कहा कि देश के कर्मचारी कोविड-19 संक्रमण काल में जी जान से जनसेवा कर रहे है। देश के चिकित्सा कर्मी चिकित्सक, फार्मासिस्ट, नर्सेज, लैब टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन, पुलिस कर्मी, सफाई कर्मी आदि प्रत्यक्ष रूप से कोरोना से लड़ रहे हैं। वहीं अन्य विभाग अप्रत्यक्ष रूप से कार्य कर रहें है लेकिन कर्मचारियों को लगातार सरकार द्वारा आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

मंहगाई भत्ते में वृद्धि की तीन किस्ते रोक दी गई है, एनपीएस में सरकारी अंशदान 14 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। जीपीएफ की ब्याजदर 7.9 प्रतिशत से घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दी गई है। उत्तर प्रदेश में नगर प्रतिकर भत्ता सहित छह अन्य भत्ते समाप्त कर दिए है। जिससे कर्मचारियों का आर्थिक नुकसान हो रहा है। कुछ राज्यों में वेतन से भी कटौती की गई है, जिससे कर्मचारी आक्रोशित है।

देश भर में किया विरोध का दावा

इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र और महामंत्री प्रेमचंद ने बताया कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, केरला, तमिलनाडु आदि राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया गया। इन राज्यों के सभी जनपदों में मोमबत्ती जलाई गई एवं ज्ञापन भेजा गया।

विरोध के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन 

उत्तर प्रदेश में 75 जनपदों में कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, राजकीय निगमों, रोडवेज, विकास प्राधिकरण स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ, फेडरेशन ऑफ फॉरेस्ट, अस्पतालों में नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी एवं विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने भागीदारी की। भाग लेने वाले कर्मचारी मास्क लगाकर तथा एक मीटर की दूरी का ध्यान रखते हुए कार्यक्रम किया और प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन भेजा।

इन्होंने किया विभिन्न प्रदेशों में नेतृत्व

इप्सेफ के पदाधिकारी मुख्यतः उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा, सुरेश रावत, अशोक कुमार, डॉ. के के सचान, शशि कुमार मिश्र, मनोज कुमार मिश्र, अवधेश कुमार सिंह, राम राज दुबे, कैसर रजा, गिरीश कुमार मिश्र, सुनील यादव दिल्ली से प्रेमचंद दीपक ढोलकिया, दीपक कुमार, मध्य प्रदेश से एसबी सिंह, छत्तीसगढ़ से ओपी शर्मा, बिहार से अमरेंद्र सिंह एवं राजेश मणि, राजस्थान से राजेंद्र सिंह, गुजरात से विष्णु भाई पटेल, महाराष्ट्र से सुभाष गांगुड़े, हिमाचल प्रदेश से एच के शांडिल, पंजाब से हरगोविंद कौर हरियाणा से शिव कुमार पाराशर तमिलनाडु से जे गणेशन ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया।

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