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महाराष्ट्र से 847 श्रमिक स्पेशल से लखनऊ पहुंचे कामगार, बसों से घर के लिए रवाना

लखनऊ। नासिक से चलकर रविवार सुबह 5.54 बजे श्रमिक स्पेशल ट्रेन लखनऊ पहुंची। ट्रेन में 17 कोच लगाकर कुल 829 श्रमिक चारबाग स्टेशन लाये गए। यहां से परिवहन विभाग की 65 बसों की मदद से श्रमिकों को अलग अलग 27 जिलों की बसों में बैठाकर रवाना किया गया।

इससे पहले स्पेशल ट्रेन में भी श्रमिकों को जिलेवार अलग अलग बिठा कर भेजा गया जबकि एक कोच में सम्मिलित जिलों के 30 श्रमिकों को एक साथ बैठे मिले। इन श्रमिकों के स्थान पता न होने के चलते इन्हें एक साथ भेजा गया जिसके चलते स्टेशन पर कोच को सबसे आखरी में खाली कराकर इसके श्रमिकों के स्थान का पता कर उन्हें बसों में बिठाया गया।

सोशल डिस्टेंसिन्ग का दिखा पालन

रेलवे ने श्रमिकों को सोशल डिस्टेंसिन्ग का पालन कराते हुए कोच से बाहर निकाला। यहां पर पोर्टिको प्रथम और द्वितीय में गोले वाली मार्किंग कर एक एक यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग कर उनका तापमान, नाम, पिता का नाम, पता व फ़ोन नंबर दर्ज किया गया। पोर्टिको प्रथम में चार और द्वितीय में दो लाइन में लगाकर श्रमिकों को बसों में भेजा गया।

इस काम की कमान जीआरपी और आरपीएफ ने संभाली। हालांकि, रेलवे की ओर से 44 टीसी (टिकट कलेक्टर) की ड्यूटी भी लगाई गई। जीआरपी ने 8 पीपीई किट से तैयार कर सिपाहियों को श्रमिकों को बाहर निकालने की ज़िम्मेदारी सौंपी जबकि प्रत्येक कोच के दोनों गेट पर 34 सिपाही अतिरिक्त लगाए।

अधिकारी अमला मौजूद रहा

आरपीएफ कमांडेंट अभिषेक कुमार संग जीआरपी सीओ अरुण कुमार सिंह सुबह 4.30 बजे से मौजूद रहे। इसके अलावा रेलवे के डीसीएम एके पांडेय भी पहुंचे। जीआरपी इंस्पेक्टर सोमवीर सिंह व आरपीएफ निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह राणा शनिवार रात से ही रविवार सुबह तक श्रमिकों को अपनी निगरानी में श्रमिकों को रवाना करने में जुटे रहे।

दो अन्य ट्रेनें भी गुजरी  

रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के भिवंडी रोड से गोरखपुर 01901 श्रमिक स्पेशल ट्रेन बयाना, टूंडला, कानपुर के रास्ते होते हुए रविवार शाम 6 बजे चारबाग से गुजरेगी जबकि गुजरात के वसई रोड से गोरखपुर जाने वाली स्पेशल ट्रेन उक्त रास्ते से रात 10.05 बजे ऐशबाग के रास्ते गोरखपुर जाएगी।

कहीं खाने की रही दिक्कत तो कहीं टिकट से ज्यादा लिए पैसे

स्पेशल ट्रेन से आने वाले श्रमिकों में अधिकांश श्रमिक महाराष्ट्र, मुम्बई, पुणे में काम करने वाले रहे, जिन्हें पैसा खत्म होने के बाद पैदल ही घर की ओर चल देने के चलते रास्ते मे नासिक में रोका गया। इसमें पंचवटी, मखमलाबाद नाका में रोके गए श्रमिकों को गुणवत्ता पूर्ण खाना तक नही मिला। इसको लेकर श्रमिकों ने खासी नाराज़गी जताई।

पीने को मिला न कोच में बचा पानी, परेशानी

श्रमिकों ने बताया कि उन्हें नासिक से दो पानी की बोतलें मिली थी लेकिन 17 घण्टे कोच में ही बैठे बैठे पानी खत्म हो गया। रास्ते में भुसावल और इटारसी में उन्हें खाने के पैकेट मिले लेकिन पानी नहीं मिला जिससे रास्ते मे पानी की समस्या खड़ी हो गयी। वहीं कोच में कहीं भी पानी न भरे जाने से कई कोच में पानी खत्म हो गया। कहीं टॉयलेट जाने में समस्या आयी तो कहीं टॉयलेट चोक होने से कोच में बदबू भर गई। पूरे रास्ते उन्हें इस मुसीबत से गुजरना पड़ा।

टिकट लेकर पहुंचे श्रमिक, ज्यादा भी वसूले पैसे

नासिक के पंचवटी, मखमलाबाद नाका के 12 नंबर स्कूल में रोके गए श्रमिकों के मुताबिक सभी को टिकट लेने पड़े। इसके लिए उनसे पैसा मांगा गया। जिनके पास पैसे नहीं थे उनकी अन्य साथियों ने मदद की। यहां के श्रमिकों को जनरल क्लास के 420 रुपये किराये वाले टिकट दिए गए जबकि उनसे 50 रुपये अतिरिक्त लिए गए। कुक 479 रुपये श्रमिकों से वसूले गए। पूछताछ करने पर श्रमिकों को इसकी जानकारी नहीं दी गयी। दूसरी तरह, नासिक के अन्य जगहों पर रहने वाले श्रमिकों से टिकट किराया के अतिरिक्त और कोई भी अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया गया।

सभी की जांच

एसीएमओ डाॅ अनिल दीक्षित ने बताया कि कुल 829 लोगों की जांच हुई है। प्रतापगढ़ के एक युवक को प्लेटफार्म पर चेकिंग के दौरान बुखार की समस्या निकलने पर नमूना लेकर बीकेटी के जीसीआरजी काॅलेज में क्वारंटीन कराया गया है। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे बाद में घर प्रतापगढ़ भिजवाया जाएगा।

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