आगरा में जानलेवा बुखार का कहर जारी, बीते 24 घंटे में 7 बच्चों की मौत; डेंगू के भी नए मामले सामने आए
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में जानलेवा बुखार का कहर जारी है और फतेहाबाद तहसील क्षेत्र में मंगलवार को बुखार से सात बच्चों की मौत हो गई. इसमें फतेहाबाद में एक बालिका, दौकी में दो और धनौली में दो लड़कियां, पिनाहट व बरहन की एक-एक बच्ची शामिल हैं. वहीं इसके साथ ही बरहन के बुर्ज अतिबल में भी एक महिला की मौत बुखार के कारण हुई है. जानकारी के मुताबिक फतेहाबाद क्षेत्र के गांव नगला लोहिया उचा बाली निवासी तीन माह की निवेदिता ने बुखार की जांच कराई. लेकिन तीन पैथोलॉजी में टेस्ट कराने पर खून में प्लेटलेट काउंट की अलग अलग रिपोर्ट आयी. इसके बाद हालत नाजुक होने पर उसे आगरा ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.
आगरा के कई गांव बुखार की चपेट में
वहीं डौकी थाना क्षेत्र के रामफल के ठार गांव निवासी रतन सिंह की पुत्री साधना(14 वर्षीय) को दो दिन पहले बुखार आया था और परिवार वाले उसे इलाज के लिए आगरा ले गए, लेकिन इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई. जबकि इसी थाना क्षेत्र के गांव घड़ी चंदन निवासी 13 वर्षीय दीपू की को भी बुखार आया और घर वाले छोलाछाप चिकित्सक से उसका इलाज करा रहे थे, और मंगलवार को उसकी भी मौत हो गई. धनौली के नगला बिछिया वली बस्ती निवासी रवि के आठ वर्षीय पुत्र कलुआ की मंगलवार को मौत हो गई. कलुवा को रविवार से बुखार आ रहा था. जबकि जिले के ही अजीजपुर निवासी रामवीर प्रजापति की सात वर्षीय पुत्री दीपा भी बुखार का शिकार बनी है और उसकी भी बुखार से मौत की खबर है. वह पिछले एक सप्ताह से बीमार थी.
50 वर्षीय महिला भी बनी बुखार का शिकार
जानकारी के मुताबिक बरहन के खेड़ी गांव के खेमचंद्र के ढाई वर्षीय बोकरन को तीन दिन से बुखार आ रहा था और उसे शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और मंगलवार को बुखार के कारण उसकी मौत हो गई. इसके साथ ही गांव बुर्ज अतिबल निवासी भूली देवी (50) की भी बुखार से मौत हो गई. जबकि पिनाहट कस्बा निवासी शाकिर की एक वर्षीय बेटी संजा की मंगलवार को बुखार से मौत हो गई. वह तीन दिनों से बुखार से पीड़ित थी और घर के लोग उसे इलाज के लिए ग्वालियर गए थे.
छोलाछाप डॉक्टरों पर है स्वास्थ्य विभाग मेहरबान
जानकारी के मुताबिक बरहन गांव के हर घर में बुखार के मरीज हैं और कई घरों में बुखार के कारण मौत हो गई है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से किसी भी तरह की मदद नहीं की जा रही है. जिसके कारण लोग छोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे हैं. गांव में अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने बुखार को लेकर मिल रही शिकायतों पर जांच नहीं कराई है.