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चिकित्सक घनश्याम तिवारी की श्रद्धांजलि: समाज की पीड़ा और राजनीतिक आक्रोश

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तिकोनिया पार्क बहुत छोटा पड़ गया है, और जिले के अलावा आसपास के दर्जन भर जिलों से आए हजारों लोग सड़क पर डटे रहे हैं। मंच से विपक्ष के नेताओं ने जहां सीधे-सीधे सरकार पर हमला किया और कठोर कार्रवाई की मांग की, वहीं भाजपा नेताओं ने भी संयमित शब्दों में इस घटना को लेकर अपना आक्रोश जताया। सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक पवन पांडेय ने मंच से बेहद तीखा भाषण दिया।

मुख्य वक्ता अमेठी के गौरीगंज स्थित सगरा आश्रम के पीठाधीश्वर मौनी महाराज ने मीडिया से कहा कि चिकित्सक की तालिबानी हत्या हुई है और सरकार से मांग है कि हत्यारे के खिलाफ आतंकवादियों जैसी कार्रवाई कर इस मामले का पटाक्षेप किया जाए।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अन्याय का विरोध और संविधान का पालन करते हैं। यहां भी कानून का पालन होना चाहिए, अपराधियों का नामोनिशान मिटना चाहिए। ऐसी निर्मम हत्याओं का सिलसिला समाज में फैलेगा तो इससे समाज में विद्रोह और अराजकता फैलेगी।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पुजारी आना चाहते थे जिन्हें रोका गया है। उन्होंने एकता का आह्वान करते हुए कहा कि जब तक घनश्याम तिवारी को न्याय नहीं मिलेगा, आंदोलन जारी रहेगा। कहा कि मैं भी साधु हूं और प्रदेश के मुख्यमंत्री भी संत हैं। संत की हैसियत से मैं उनसे कहना चाहता हूं कि समाज पीड़ित है, आपको इनकी पीड़ा को समझना चाहिए।

सभा में पूर्व विधायक पवन पांडेय ने बेहद तीखा और भड़काऊ भाषण दिया। उन्होंने कहा कि फिलहाल हम सरकार से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। अपने भाई की मौत से शोक में हैं। हमारा सब्र समाप्त होने से पहले कठोर कार्रवाई हो जानी चाहिए।

शोकसभा में पारित प्रमुख प्रस्ताव

  1. चिकित्सक के परिवार को एक करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति और सरकारी नौकरी देनी चाहिए।
  2. आरोपियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए, उनकी चल-अचल संपत्ति जब्त कर अवैध निर्माण ध्वस्त हो।
  3. आरोपियों का सर्वसम्मत ढंग से सामाजिक और राजनैतिक बहिष्कार होना चाहिए।
  4. आपराधिक घटनाओं और अवैध अतिक्रमण कराने वाले निष्क्रिय, उदासीन, कर्तव्यविहीन उगाही में व्यस्त राजस्व कर्मियों, पुलिस कर्मियों, बड़े अधिकरियों के खिलाफ जांच कर दंडात्मक कार्रवाई हो।

यहां तक कि योगी आदित्यनाथ जी से यह आग्रह किया गया कि वे इस मामले के तहत न्याय सुनिश्चित करें और समाज की पीड़ा को समझें।

यह घटना हमारे समाज के दुखद हालात को दर्शाती है, जो उगाही के मामलों में बढ़ रहे हैं। विभिन्न अवैध गतिविधियों और अपराधों के पर्दे पर प्रकट होने वाले घातक घटनाओं का सिलसिला है, जो हमारे समाज को गहरे संकट में डाल रहा है।

इसके अलावा, इस घटना ने समाज में विद्रोह और अराजकता की ओर बढ़ने का आलम दिखाया है। यहां तक कि धार्मिक गुरुओं को भी इस मामले में शामिल होने की इजाजत नहीं दी जा रही है, जो इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं।

इस परिस्थिति में, समाज को न्याय की मांग करने में हक है। चिकित्सक के परिवार को उचित क्षतिपूर्ति और सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए ताकि उनका जीवन आगे बढ़ सके। इसके साथ ही, आरोपियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए और उनकी संपत्ति को जब्त करने का कदम उठाया जाना चाहिए। इससे अवैध गतिविधियों को रोका जा सकता है और समाज में आराम से रहने की सुनिश्चिति मिल सकती है।

इस दुखद परिस्थिति को समझते हुए, सरकार को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए और योगी आदित्यनाथ जी से यह आग्रह है कि वे न्याय सुनिश्चित करें और समाज की पीड़ा को समझें।

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