नई बिलिंग एजेंसियों की हर माह कराएं ऑडिट ताकि जनता को न हो परेशानी : श्रीकान्त शर्मा
लखनऊ। ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने मंगलवार को ऊर्जा विभाग की समीक्षा की। एकमुश्त समाधान योजना की बहुत ही धीमी प्रगति पर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने गलत बिलिंग, समय पर बिल न पहुंचने तथा कम बकाये पर ही कनेक्शन काटे जाने की शिकायतों पर भी नाराजगी जताते हुए जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा यूपीपीसीएल चेयरमैन उपभोक्ता हित में नई बिलिंग एजेंसियों के कार्यों की हर माह ऑडिट कराएं। मंत्री ने कहा कि उपभोक्ता सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है।
एकमुश्त समाधान योजना की धीमी प्रगति पर उन्होंने कहा कि सरकार ने उपभोक्ता हित में बहुत ही महत्वपूर्ण योजना शुरू की है, लेकिन विभाग के अधिकारी अभी उपभोक्ताओं के घर तक नहीं पहुंच पाए हैं। यह किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। पहले सभी बड़े बकायेदार उपभोक्ताओं के दरवाजे पर दस्तक दें, उन्हें इसके लाभ बताएं। कम बकाये पर कनेक्शन काटने की शिकायतों पर डिस्कॉम के एमडी जवाबदेही तय करें। उपभोक्ताओं को परेशान करने वालों से सख्ती से निपटें।
उन्होंने बिलिंग से जुड़ी एजेंसियों के प्रतिदिन के लक्ष्य तय करने के निर्देश दिए। कहा कि डिस्कॉम एमडी इसकी हर माह समीक्षा करें। यूपीपीसीएल के अध्यक्ष भी इसकी निगरानी करें। सभी उपभोक्ताओं को समय से बिल मिले, बिल में किसी प्रकार की त्रुटि न रहे, हर माह मीटर की रीडिंग सुनिश्चित हो। कहीं भी कमी है तो उसे तत्काल दूर कर संबंधित को जवाबदेह बनाएं। निर्देशों का अनुपालन नहीं करने वाली एजेंसियों की जवाबदेही सुनिश्चित करें।
कनेक्शन देने के बाद पहला बिल जारी करने में ज्यादा समय लगने की शिकायतों पर भी उन्होंने नाराजगी जाहिर की। कहा कि 4-5 महीने बाद बिल जारी करने का कोई औचित्य नहीं है, उन्होंने यूपीपीसीएल अध्यक्ष को इसकी समीक्षा करने के निर्देश दिए। कहा कि उपभोक्ता को कनेक्शन निर्गत करने के बाद उसे समय से बिल मिले यह सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवासों में जहां भी बिजली के कनेक्शन नहीं हैं, संबंधित जिले के अधिकारी वहां शीघ्र ही बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराएं। एमडी जिलेवार इसकी समीक्षा कर लें। कोई भी इच्छुक व्यक्ति बिजली कनेक्शन से वंचित न रहे। उन्होंने सभी डिस्कॉम एमडी को यह भी निर्देश दिये कि वे स्वयं बिजली घरों का निरीक्षण करें। सभी अधिकारी भी फील्ड पर जाएं जिससे उन्हें भी जमीनी हकीकत की जानकारी होगी। उपभोक्ता सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करें, लापरवाही पर जवाबदेही तय करें।