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सरकार का फैसला- अब राशन की दुकानों से भी खरीद सकेंगे रसोई गैस सिलेंडर, जानिए इसके बारे में सबकुछ

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केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि वह राशन की दुकानों के जरिए छोटे LPG सिलेंडर की रिटेल बिक्री की इजाजत देने पर विचार कर रही है. इसके साथ इन दुकानों के जरिए वित्तीय सेवाएं भी पेश की जाएंगी. पीटीआई के मुताबिक, इन मुद्दों पर राज्य सरकारों के साथ एक वर्चुअल बैठक में चर्चा की गई, जिसकी अध्यक्षता खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने की है. बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय से प्रतिनिधि भी शामिल हुए हैं.

सरकार ने की मामले पर बैठक

इसके अलावा इस मीटिंग में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेज (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) के साथ CSC ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड (CSC) के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया. बैठक के बाद, खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि FPS की फाइनेंशियल वायबिलिटी को बढ़ाने के लिए मजबूत कदम उठाए जाएंगे. छोटे LPG सिलेंडर की FPS के जरिए रिटेल बिक्री की योजना पर विचार चल रहा है.

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने किया बिक्री का समर्थन

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के प्रतिनिधियों ने छोटे LPG सिलेंडर की राशन की दुकानों के जरिए रिटेल बिक्री के प्रस्ताव को प्रोत्साहित किया है, जिन्हें राशन की दुकानें भी किया जाता है. OMCs ने कहा कि इसके लिए रूचि रखने वाली राज्य या केंद्र सरकार के साथ समन्वय में जरूरी समर्थन दिया जाएगा. इसमें आगे कहा गया है कि बैठक में, खाद्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि FPS की फाइनेंशियल वायबिलिटी को बढ़ाने के लिए मजबूत कदम उठाए जाने चाहिए. राज्य सरकारों ने कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) के साथ सहयोग से FPS का महत्व बढ़ेगा. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि वे स्थानीय जरूरतों के मुताबिक संभावना को रिव्यू करने के लिए CSC से तालमेल करेंगे. FPS के जरिए वित्तीय सेवाओं को पेश करने के प्रस्ताव पर, वित्तीय सेवाओं के विभाग से प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि रूचि रखने वाले राज्यों को जरूरी समर्थन उपलब्ध कराया जाएगा.

बयान में आगे कहा गया है कि सरकार की योजना मुद्रा लोन को FPS डीलरों तक पहुंचाने की है, जिससे वे कैपिटल में बढ़ोतरी कर सकें. खाद्य सचिव ने राज्यों से इन पहलों को उठाने के लिए कहा है और उन्हें अपनी जरूरतों के मुताबिक बनाने के लिए भी कहा है. उन्होंने CSC को संभव बेनेफिट्स, FPS की क्षमता बढ़ाने और उन्हें इन कदमों को लागू करने में सहयोग देने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अलग-अलग समूहों के साथ अलग-अलग वर्कशॉप या वेबिनार आयोजित करने का भी सुझाव दिया है.

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