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Hamraj Complex अग्निकांड फिर चर्चा में, शव की बदबू से मजदूरों ने रोका काम

कानपुर: बीती 30 मार्च को कानपुर का हमराज कॉम्प्लेक्स अग्निकांड (Hamraj Complex Fire Incident) काफी चर्चा में रहा था. एक बार फिर से इस अग्निकांड को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. दरअसल, शहर के बांसमंडी स्थित सुपर हमराज कॉम्प्लेक्स में शुक्रवार को जब मजदूर काम करने पहुंचे तो बहुत तेज बदबू के चलते थोड़ी देर भी नहीं रुक सके.

मजदूरों का कहना है कि शव की बदबू से वह काम नहीं कर सकते हैं. मजदूरों को इकट्ठा देख मौके पर व्यापारी पहुंचे तो कॉम्प्लेक्स में 29 सितंबर को मिले क्षत-विक्षत शव को लेकर फिर चर्चा शुरू हो गई. कहा गया कि उस शव की बदबू अभी तक है.

एक व्यापारी नेता ने बताया कि जो शव मिला था उसका तो दो अक्टूबर को पोस्टमार्टम कराया जा चुका है. हालांकि, 11 दिनों के बाद भी पुलिस और व्यापारी यह न जान सके कि आखिर वो शव किसका था?

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29 सितंबर को HBTU के विशेषज्ञ आए थे: शहर में बीती 30 मार्च को बांसमंडी स्थित कपड़ा बाजार में भीषण अग्निकांड हुआ था. उसके बाद जिला प्रशासन ने आईआईटी व एचबीटीयू के विशेषज्ञों से जले हुए भवनों- हमराज कॉम्प्लेक्स, एआर टॉवर व मसूद कॉम्प्लेक्स का मौका-मुआयना कराया था.एआर टॉवर व मसूद कॉम्प्लेक्स को बनाने का फैसला तो दोबारा हो गया था.

हालांकि, सुपर हमराज कॉम्प्लेक्स का निरीक्षण किया जाना था, जिसके लिए 29 सितंबर को एचबीटीयू के विशेषज्ञ पहुंचे थे लेकिन, जैसे ही वह कॉम्प्लेक्स के अंदर घुसे तो सभी ने मौके पर देखा था कि एक क्षत-विक्षत शव पड़ा है जिससे बहुत अधिक दुर्गंध आ रही थी.

इसके बाद मौके पर पहुंची फोर्स ने शव को हटाकर तीन दिनों तक शिनाख्त कराई थी, उसके बाद दो अक्टूबर को पोस्टमार्टम कराया गया था. हालांकि, यह शव गुमनाम ही रह गया. व्यापारी यह भी आशंका जता रहे हैं कि जब अग्निकांड हुआ था, कहीं उसी समय से तो शव कॉम्प्लेक्स में नहीं पड़ा था.

इस बारे में अनवरगंज थाना प्रभारी अशोक सरोज का कहना है कि हमराज कॉम्प्लेक्स के आसपास जो लापता लोग थे, उनके परिजनों से शव को लेकर बात की थी मगर, किसी ने शिनाख्त नहीं की. वहीं, कॉ़म्प्लेक्स के आसपास शाम को मजदूर नशा करने के लिए खंडहरनुमा भवनों में घुस जाते हैं. एक आशंका यह भी है. इसकी जांच की जा रही है.

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