भारत ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक मील का पत्थर पार करते हुए कोरोना वैक्सीन के 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पूरा कर लिया है. भारत ने सिर्फ 10 महीने में असंभव को संभव कर दिखाया. करीब 130 करोड़ की आबादी में कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ वैक्सीनेशन का डोज का आंकड़ा देश के लिए बेहतरीन उपलब्धि है. भारत की इस कामयाबी ने दुनिया को चौंका दिया है. भारत ने अपने देश की जनता के साथ दुनिया के और देशों को भी वैक्सीन की करोड़ों डोज दी हैं.
टीकाकरण के मामले में भारत से आगे सिर्फ चीन है जहां 200 करोड़ से ज्यादा खुराक दी गयी हैं. वहीं भारत 100 करोड़ डोज के साथ दूसरे नंबर पर आता है, जो अमेरिका से 58 करोड़ ज्यादा है. जहां अमेरिका, ब्राजील और इंडोनेशिया जैसे देशों के टीकाकरण का ग्राफ सपाट बना हुआ है, वहीं भारत में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. फुल वैक्सीनेशन की बात की जाए तो भारत अपनी 28 करोड़ से ज्यादा आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण कर चीन के बाद दूसरे स्थान पर है. ये संख्या अमेरिका से कम से कम 10 करोड़ ज्यादा है और जापान, जर्मनी, रूस, फ्रांस और यूके की पूरी तरह से प्रतिरक्षित आबादी के कुल जोड़ के बराबर है.
21 प्रतिशत आबादी को दोनों डोज
चीन ने अपनी 75% आबादी को दो डोज लगायी है, जबकि भारत में यह 21% है. अमेरिका ने 57%, जापान ने 67%, जर्मनी ने 65%, रूस ने 33%, फ्रांस और यूके ने 67% आबादी को कवर किया है. दुनिया भर में 36% आबादी को दोनों वैक्सीन डोज लगायी गयी है. दुनिया भर में, अब तक 665 करोड़ से ज्यादा खुराक दी जा चुकी हैं, जिसमें 278 करोड़ लोग पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हैं. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के कोरोनावायरस सेंटर के अनुसार, चीन ने 223 करोड़ खुराकें दी हैं और कम से कम 104 करोड़ नागरिकों को दोनों टीका लगाया है.
10 महीनों में रचा इतिहास
भारत ने कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में स्वर्णिम इतिहास रच दिया है. नए मील के पत्थर को पार करते हुए देश में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ के पार पहुंच गया है. देश ने कोरोना वैक्सीन के 100 करोड़ डोज का आंकड़ा कल सुबह 9.47 बजे पूरा किया. 75 प्रतिशत युवा आबादी को कम से कम एक डोज लग चुका है और 31 प्रतिशत आबादी को दोनों डोज लग चुके हैं. भारत में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने के बाद से केवल 10 महीनों में किसी भी राष्ट्र के लिए 1 बिलियन खुराक तक पहुंचना उल्लेखनीय है.