उत्तर प्रदेशलखनऊ

इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, अगर नहीं मिला एक भी राशन कार्ड धारक को अनाज तो डीलर का करें लाइसेंस रद्द

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उत्तर प्रदेश में राशन की दुकानों में कार्ड धारकों को राशन न मिलने के कई मामले सामने आ चुके हैं. जबकि राज्य सरकार ने सरकारी गल्ले की दुकानों को आदेश दिया है कि सभी कार्ड धारकों को राशन दिया. वहीं अब इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि राज्य में सभी कार्ड धारकों को अनाज मिलना चाहिए और अगर कोई डीलर धारक को अनाज नहीं दे रहा है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए.

असल में कोर्ट ने कहा कि राशन वितरण में धांधली की शिकायत की विस्तृत जांच जरूरी नहीं है और ये एक छोटी सी प्रक्रिया है. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई डीलर कार्ड धारक को राशन देने से मना करता है तो उसका लाइसेंस विभाग को तुरंत रद्द करना चाहिए. कोर्ट ने इसके लिए कहा कि दोषी डीलर का लाइसेंस रद्द करने के आदेश पर अनुच्छेद 226 में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है. वहीं कोर्ट ने इस पर कहा कि राशन कार्ड धारक को राशन नहीं दिया जाता है तो डीलर के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है.

कोर्ट ने कहा कि लंबी है लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया

इस मामले में जस्टिस आरआर अग्रवाल ने नाजाकत अली समेत समेत दर्जनों की याचिकाओं पर यह आदेश देते हुए कहा कि गवाहों की जिरह की लंबी प्रक्रिया, विस्तृत जांच प्रक्रिया, जांच रिपोर्ट की कॉपी, सुनवाई का मौका देने की विभागीय कार्यवाही की दलीलें स्वीकार्य नहीं हैं. कोर्ट ने ये बी कहा कि डीलर ने खुली आंखों से करार किया है और उसका पालन उसे करन होगा. लिहाजा इन शर्तों के उल्लंघन के परिणामस्वरूप लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जा सकता है.

कोर्ट ने रद्द की याचिका

वहीं कोर्ट ने राशन दुकान का लाइसेंस निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिका को भी खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि जीवन के अधिकार में भोजन का अधिकार भी शामिल है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीबी रेखा से ऊपर के गरीबों और लोगों को राशन कार्ड के जरिए सस्ते दामों पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की योजना बनाई है. केन्द्र सरकार ने जनता के लिए जन स्वास्थ्य, पौष्टिक भोजन और सम्मानजनक जीवन के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अंत्योदय योजना, अन्न योजना लागू की गई है. इसके लिए सरकार ने राशन वितरण प्रणाली के तहत डीलरों की नियुक्ति की है और जो लाइसेंस की शर्तों के अनुसार राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराते हैं. कोर्य ने ये भी कहा कि राशन वितरण प्रणाली में लाइसेंस लेना किसी का अधिकार नहीं है.

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