मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार और उनकी तीन बहनों के घरों एवं कपनियों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रेड की है. एनसीपी नेता अजित पवार ने खुद यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि उनके और उनकी बहनों के घर पर आयकर विभाग ने छापामारी क्यों की, उन्हें नहीं मालूम. लेकिन, उन्होंने कहा कि आईटी की यह रेड राजनीति से प्रेरित है. वे लोग घटिया राजनीति कर रहे हैं. मुझे बहुत बुरा लग रहा है. विस्तृत समाचार की प्रतीक्षा है.
Income Tax department conducted raids at houses & companies of my 3 sisters. I don't know the reason behind it but these are politically motivated raids. They are doing a low-level of politics. I feel bad: Maharashtra Deputy CM & NCP leader Ajit Pawar pic.twitter.com/qjggdlsaSU
— ANI (@ANI) October 7, 2021
आयकर विभाग ने अजित पवार की तीन बहनों के पुणे एवं कोल्हापुर स्थित आवास एवं कंपनियों पर भी छापामारी की. आईटी डिपार्टमेंट ने जरंदेश्वर सुगर मिल्स, दौंद सुगर मिल्स, पुष्पदंतेश्वर सुगर मिल्स, अम्बालिका सुगर मिल्स पर छापामारी की. अजित पवार ने कहा कि उनके ठिकानों पर आयकर विभाग ने रेड मारी है. यह उनका अधिकार है. लेकिन, उनकी बहन के यहां रेड क्यों मारी गयी?
महाराष्ट्र के डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार ने कहा कि वे ईमानदारी से सभी टैक्स का भुगतान करते हैं. मुझे नहीं मालूम कि उन्होंने राजनीतिक कारणों से यह रेड मारी है या कुछ और सूचना पाने के इरादे से. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने कहा कि उन्हें दुख सिर्फ इस बात का है कि उनकी वजह से उनकी बहनों को निशाना बनाया गया.
अजित पवार ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कोल्हापुर में मेरी एक बहन के यहां छापामारी की गयी, जबकि पुणे में दो बहनों के यहां इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रेड की. उनको सिर्फ इसलिए छापामारी का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे मेरी बहनें हैं. ऐसे में महाराष्ट्र की जनता को तय करना होगा कि केंद्रीय एजेंसियों का किस हद तक दुरुपयोग किया जा रहा है.
इनकम टैक्स के अधिकारियों ने कहा है कि टैक्स चोरी के संदेह में मुंबई, पुणे, सतारा के अलावा महाराष्ट्र एवं गोवा के कुछ अन्य शहरों में छापामारी की गयी. अजित पवार के अलावा कुछ डीबी रियल्टी, शिवालिक जैसी रीयल इस्टेट कंपनियों में छापामारी की गयी है. अधिकारियों ने कहा है कि कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं. उनकी जांच की जा रही है.
जरंदेश्वर सुगर मिल्स जुलाई के महीने में चर्चा में आयी थी, जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसके खिलाफ कार्रवाई की थी. ईडी ने इसकी 65 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी. ईडी ने मनी लाउंडरिंग विरोधी कानून के तहत सतारा स्थित चिमनगांव-कोरेगांव में सुगर मिल्स की जमीन, मकान, प्लांट और मशीन को अटैच कर लिया था. ईडी ने दावा किया था कि जिस को-ऑपरेटिव के जरिये सुगर मिल का संचालन किया जा रहा था, वह अजित पवार और उनके परिवार से संबंधित है.