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सरदार पटेल से प्रेरित भारत चुनौतियों का सामना करने में सक्षम : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल से प्रेरित होकर भारत बाहरी और आंतरिक चुनौतियों का सामना करने में पूरी तरह सक्षम हो रहा है। ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के अवसर पर, प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के आर्दशो के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सरदार पटेल एक मजबूत, समावेशी, संवेदनशील और सतर्क भारत चाहते थे, एक ऐसा भारत जिसमें विनम्रता और विकास हो।

उन्होंने कहा, “सरदार पटेल से प्रेरित होकर भारत बाहरी और आंतरिक चुनौतियों का सामना करने में पूरी तरह सक्षम हो रहा है।” “सरदार पटेल सिर्फ एक ऐतिहासिक शख्सियत नहीं हैं, बल्कि हर देशवासी के दिल में रहते हैं और जो लोग उनके एकता के संदेश को आगे ले जा रहे हैं, वे एकता की अटूट भावना के सच्चे प्रतीक हैं।” उन्होंने कहा कि भारत केवल भौगोलिक एकता नहीं है, बल्कि आदशरें, धारणाओं, सभ्यता और संस्कृति के उदार मानकों से परिपूर्ण राष्ट्र है।

एक भारत की भावना से भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करने का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने देश के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रत्येक नागरिक से सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया। पिछले सात वर्षों में देश को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि देश ने अनावश्यक पुराने कानूनों से छुटकारा पाया, एकता के आदशरें को मजबूत किया और कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे पर जोर देने से भौगोलिक और सांस्कृतिक दूरियां कम हुई हैं।

उन्होंने कहा, “आज ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करते हुए सामाजिक, आर्थिक और संवैधानिक एकीकरण का महायज्ञ चल रहा है और जल, आकाश, भूमि और अंतरिक्ष में देश का संकल्प और क्षमता अभूतपूर्व है और देश आगे बढ़ने लगा है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्रता के अमृत काल में ‘सबका प्रयास’ और भी अधिक प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि यह ‘आजादी का अमृत साल’ अभूतपूर्व विकास, कठिन लक्ष्यों को प्राप्त करने और सरदार साहब के सपनों के भारत के निर्माण का है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “सरदार पटेल के लिए, ‘एक भारत’ का मतलब सभी के लिए समान अवसर था और एक भारत एक ऐसा भारत है जो महिलाओं, दलितों, वंचितों, आदिवासी और वनवासियों को समान अवसर देता है। जहां आवास, बिजली और पानी बिना किसी भेदभाव के सभी की पहुंच में है। सबका प्रयास के साथ देश भी ऐसा ही कर रहा है।” प्रधानमंत्री ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ‘सबका प्रयास’ की शक्ति को दोहराया जहां प्रत्येक नागरिक के सामूहिक प्रयासों से नए कोविड अस्पताल, आवश्यक दवाएं, टीकों की 100 करोड़ खुराक संभव हुई।

सरकारी विभागों की सामूहिक शक्ति का उपयोग करने के लिए हाल ही में शुरू किए गए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर सरकार के साथ-साथ लोगों की गतिशक्ति का भी लाभ उठाया जाए, तो कुछ भी असंभव नहीं है। इसलिए, उन्होंने कहा, कि प्रत्येक कार्रवाई को व्यापक राष्ट्रीय लक्ष्यों के लिए विचार करके चिह्न्ति किया जाना चाहिए। स्वच्छ भारत अभियान का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि सरकार ने लोगों की भागीदारी को देश की ताकत बना दिया है। उन्होंने कहा, “जब भी एक भारत चलता है, हमें सफलता मिलती है और श्रेष्ठ भारत में योगदान भी मिलता है।”

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