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भारतीय नागरिक अफगानिस्तान से लौटने का कर रहे इंतजार, पत्र लिखकर केंद्र से लगाई गुहार, मदद करो सरकार

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भारत विश्व मंच और अन्य मानवीय गैर सरकारी संगठनों ने भारत सरकार से अफगानिस्तान में फंसे लोगों को तुरंत निकालने की मांग की है. इन संगठनों ने प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को एक पत्र लिखकर काबुल (अफगानिस्तान) से फंसे हिंदू और सिख समुदाय के नागरिकों को जल्द से जल्द निकालने की मांग की है. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने 20 अक्टूबर को लिखे पत्र के बारे में बताते हुए कहा, ‘गुरुद्वारा सहित सिख नेताओं और गैर सरकारी संगठनों को काबुल में परेशान भारतीय नागरिकों और भारत मूल के अफगान नागरिकों के फोन कॉल आ रहे हैं.’

भारतीयों को नहीं मिला ई-वीजा

उन्होंने पत्र पढ़ते हुए आगे बताया, ‘वैध वीजा और भारत यात्रा का इतिहास होने के बावजूद उनमें से अधिकांश को अभी तक अपना ई-वीजा प्राप्त नहीं हुआ है. बच्चों और अन्य नागरिकों सहित लगभग 100 भारतीय नागरिक और भारतीय मूल के 222 अफगान नागरिक भारत सरकार की सहायता मांग रहे हैं.’ भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के अफगान नागरिकों के पास तीन साल तक वैध रहने वाला वीजा होता है. लेकिन हाल ही में अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा की गई उठापटक के कारण, भारत सरकार ने सभी वीजा रद्द कर दिए हैं और घोषणा की है कि वे लोग भारत की यात्रा करेंगे. लेकिन दुविधा ये है कि अफगानिस्तान से भारत की यात्रा के लिए केवल ई-वीजा ही मान्य है.

सरकार को पत्र लिखकर कहा- वैध वीजा हुआ अमान्य

काबुल गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष परवान ने पत्र के माध्यम से बताया कि उनकी चिट्ठी हिंदू और सिख समुदाय यानी अल्पसंख्यकों से संबंधित अफगान नागरिकों को वीजा जारी करने के लिए भारत सरकार को बताए गए पहले के अनुरोधों के संबंध में है. उन्होंने बताया, ‘हमारे समुदाय के अधिकांश सदस्यों के पास वैध वीजा था, लेकिन दुर्भाग्य से, 25 अगस्त को, भारत के दूतावास द्वारा जारी किए गए पहले वाले वीजा को अमान्य कर दिया गया है.’ हिंदू और सिख समुदाय के सदस्यों ने 12 सितंबर को ई-वीजा जारी करने के लिए फिर से आवेदन किया है. लोगों ने 208 आवेदन जमा किए हैं जिन पर भारत सरकार द्वारा मुहर लगाया जाना बाकी है. इसके अलावा, तेहरान स्थित एक निजी यात्रा और लॉजिस्टिक कंपनी ने काबुल से हिंदू और सिख समुदाय के लोगों को निकालने के लिए चार्टर उड़ान की जानकारी विदेश मंत्रालय को भेजी है, जिसकी समीक्षा की जा रही है. अगर इस कंपनी को विदेश मंत्रालय से हरी झंडी मिल जाती है तो बड़ी संख्या में काबुल से हिन्दू और सिख समुदाय के लोगों को भारत पहुंचाने में मदद मिलेगी.

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