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‘भारतीय मुस्लिमों का जिन्ना से कोई लेना-देना नहीं’, ओवैसी की अखिलेश यादव को सलाह- आपको इतिहास पढ़ने की जरूरत

हरदोई में जिन्ना पर दिए बयान को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने अखिलेश यादव को सलाह ही है. उन्होंने सपा अध्यक्ष को इतिहास पढ़ने की सलाह देते हुए कहा कि जिन्ना से भारतीय मुस्लिमों का कोई लेना-देना नहीं. ओवैसी ने उन्हें सलाह देते हुए कहा कि जिन्ना पर बयानवाजी से यूपी का वोटर खुश नहीं होगा. ओवैसी ने कहा कि अखिलेश यादव को समझने की जरूरत है कि भारतीय मुस्लिमों का जिन्ना से कुछ लेना नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने दो राष्ट्र के सिद्धांत तो खारिज कर दिया और भारत को अपना देश चुना.

अखिलेश यादव ने हरदोई में मोहम्मद अली जिन्ना का महिमामंडन किया था. इस बयान के बाद से अखिलेश यादव की काफी आलोचना हो रही है. अब एआईएमआईएम अध्यक्ष ओवैसी ने भी सपा अध्यक्ष को सलाह दी है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भारत का मुसलमान जिन्ना से कोई ताल्लुक नहीं रखता है. भारतीय मुस्लिमों के पूर्वजों ने 1947 में ही भारत को अपना देश चुन लिया था. सभी ने पाकिस्तान की टू नेशन थ्योरी को रिजेक्ट कर दिया था.

 

इसके साथ ही ओवैसी ने वीर सावरकर पर तंज कसते हुए कहा कि सबसे पहले टू नेशन थ्योरी का जिक्र सावरकर ने किया था. उसके बाद जिन्ना ने भी इसका जिक्र किया. ओवैसी ने कहा कि भारत के मुस्लिम इस देश को ही अपना वतन मानते हैं. जिन्ना से हमारा कोई लेना-देना नहीं है.

‘अखिलेश यादव अपना एडवाइजर बदलें’

ओवैसी ने अखिलेश यादव को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें अपना एडवाइजर बदल लेना चाहिए. साथ ही उन्हें खुद भी इतिहास पढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये बात सही है कि पाकिस्तान बनाने में जिन्ना को बड़ा रोल है. उसके पीछे की वजह बहुत लंबी है. इसके लुए इतिहासकार के पास बैठने की जरूरत है. लेकिन भारत में जिन्ना से किसी भी मुस्लिम का लेना-देना नहीं है. ओवैसी ने कहा कि अखिलेश यादव को भारत की बात करनी चाहिए कि सरदार पटले ने आरएसएस पर बैन लगाया था. पटेल ने एक चिट्ठी लिखी थी कि किस तरह से RSS ने गांधी के मर्डर के बाद मिठाई बांटी थी. इसीलिए अखिलेश को इतिहास पढ़ने की जरूरत है.

बता दें कि रविवार की रैली में अखिलेश यादव ने सरदार बल्लभ भाई पटेल की तुलना जिन्ना से की. उन्होंने कहा कि सरादर पटेल जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्थान से पढ़कर बैरिस्टर बने. सभी ने आजादी की लड़ाई लड़ी. जिन्ना से पटेल की तुलना करने के बाद अखिलेश के बयान पर विवाद खड़ा हो गया है.

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