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खुलासा: ’11 राज्यों, 1 केंद्र शासित प्रदेश की 70 फीसदी से ज्यादा महिलाओं ने घरेलू हिंसा के बारे में किसी को नहीं बताया’

नए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) में पाया गया कि 11 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेशों में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने घरेलू हिंसा के मामले में कभी भी मदद नहीं मांगी. इस आंकड़े में वो महिलाएं भी हैं जिन्होंने द्वारा अनुभव की गई हिंसा के बारे में किसी को नहीं बताया.

NFHS के आंकड़ों के मुताबिक ऐसी महिलाओं का अनुपात चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 80 प्रतिशत से ज्यादा था. इसमें असम (81.2 प्रतिशत), बिहार (81.8 प्रतिशत), मणिपुर (83.9 प्रतिशत), सिक्किम (80.1 प्रतिशत) में 80 प्रतिशत से अधिक), और जम्मू और कश्मीर (83.9 प्रतिशत) शामिल हैं.

त्रिपुरा (76 फीसदी), तेलंगाना (71 फीसदी), पश्चिम बंगाल (76.3 फीसदी), महाराष्ट्र (76.4 फीसदी), गोवा (75.7 फीसदी), गुजरात (70.6 फीसदी) और आंध्र प्रदेश (79.7 फीसदी) ऐसे राज्य हैं जहां ऐसी महिलाओं को प्रतिशत 70 से ज्यादा है. इन महिलाओं ने खुद से अनुभव की गई हिंसा के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं दी.

मदद मांगने वाली महिलाओं का आंकड़ा बेहद कम

वहीं असम (6.6 फीसदी), आंध्र प्रदेश (7.7 फीसदी), बिहार (8.9 फीसदी), गोवा (9.6 फीसदी), हिमाचल प्रदेश (9.6 फीसदी) जम्मू और कश्मीर (7.1 प्रतिशत), मणिपुर (1.2 प्रतिशत), और नागालैंड (4.8 प्रतिशत) ऐसे राज्य हैं जहां 10 फीसदी से भी कम महिलाओं ने शारीरिक हिंसा से बचाव के लिए मदद मांगी. मदद मांगने वालों में उनका अपना परिवार, पति का परिवार, पड़ोसी, पुलिस, वकील और धर्मगुरु शामिल थे. महिलाओं द्वारा अनुभव की जाने वाली वैवाहिक हिंसा में, कई जगह कटने के निशान, चोट, दर्द, आंखों की चोट, टूटी हुई हड्डियां, गंभीर जलन, टूटे दांत, मोच और अन्य दिक्कतें शामिल हैं.

पांच साल की उम्र तक के बच्चों में बढ़ रहा मोटापा

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NHFS) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पांच साल की उम्र तक के बच्चों में मोटापा बढ़ा है और 33 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में मोटे बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है. विशेषज्ञों ने मोटापा बढ़ने के लिए शारीरिक गतिविधियां कम होना और अस्वास्थ्यकर भोजन को जिम्मेदार बताया है.

एनएफएचएस-4 में 2.1 प्रतिशत के मुकाबले मोटापे से ग्रसित बच्चों की संख्या बढ़कर एनएफएचएस-पांच में 3.4 प्रतिशत हो गयी है. एनएफएचएस के ताजा सर्वेक्षण के अनुसार, न केवल बच्चों बल्कि महिलाओं और पुरुषों में भी मोटापा बढ़ा है. मोटापे की शिकार महिलाओं की संख्या 20.6 प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत हो गयी है, जबकि पुरुषों में यह संख्या 18.9 प्रतिशत से बढ़कर 22.9 प्रतिशत हो गयी है.

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