कांग्रेस शासित महाराष्ट्र और पंजाब से श्रमिकों को बस में यूपी भेजें प्रियंका गांधी: सिद्धार्थ नाथ सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा उत्तर प्रदेश में 1000 बसों को भेजने को अप्रासंगिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि अगर प्रियंका गांधी को बसें भेजना ही है तो वे महाराष्ट्र और पंजाब के सीएम से बात कर वहां से मजदूरों को उत्तर प्रदेश भेजें।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का एक हजार बसें भेजना का सुझाव अप्रासंगिक है। उन्हें यह बात समझाना चाहिए कि प्रवासी उत्तर प्रदेश से बाहर नहीं जा रहे हैं बल्कि अन्य राज्यों से यहां आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें जहां से मजदूर आ रहे हैं, वहां बस भेजना चाहिए।
The migrant workers are coming from states like Maharashtra & Punjab so she should send these buses to Congress-ruled states. She should request her CMs to arrange buses to send workers to UP & we will receive them: Uttar Pradesh Cabinet Minister Sidharth Nath Singh (2/2) https://t.co/927FPxuRjR
— ANI UP (@ANINewsUP) May 17, 2020
उन्होंने कहा कि ज्यादातर प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र और पंजाब जैसे कांग्रेस शासित राज्यों से आ रहे हैं। उन्हें (प्रियंका गांधी) ये बसें उन राज्यों में भेजना चाहिए। सिंह ने कहा कि वे इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर के वहां से मजदूरों को बस से उत्तर प्रदेश भेजें।
शनिवार को प्रियंका ने लिखा था सीएम योगी को पत्र
शनिवार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर 1000 बस चलाने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने लिखा था कि लाखों की संख्या में उत्तर प्रदेश के मजदूर देश के कोने-कोने से पलायन कर वापस लौट रहे हैं। लगातार सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के बावजूद पैदल आ रहे इन मजदूरों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है।
प्रदेश में अबतक 65 मजदूरों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है जोकि कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या से भी अधिक है। उन्होंने पत्र में लिखा था कि बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के लिए कांग्रेस 500 बसें गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद और 500 बसें नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है। उनके इसी पत्र पर कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने जवाब दिया है।