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ताइवान के आसमान पर फिर मंडराए ड्रैगन के फाइटर प्लेन्स, US सांसदों के दौरे से भड़का चीन

नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से भड़का चीन अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अमेरिकी सांसदों का दल वहां पहुंच गया है। इस बात से गुस्साए ड्रैगन ने ताइवान के और ज्यादा करीब सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। बता दें कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी हाल ही में ताइवान पहुंचीं थीं। साथ ही उसकी सीमा के आसपास खूब सैन्य अभ्यास किया गया था। गौरतलब है कि ताइवान पर अमेरिका के हस्तक्षेप को चीन अपनी संप्रभुता में हस्तक्षेप के तौर पर देखता है। सीनेटर ईडी मार्की के नेतृत्व में पांच अमेरिकी सांसदों का एक दल रविवार को गैरघोषित दौरे पर ताइपे पहुंचा।

कई चीनी विमानों ने भरी उड़ान

नैंसी के दौरे के बाद यह दूसरा उच्च स्तरीय ग्रुप ताइवान पहुंचा है। इसके बाद चीन ने ताइवान की हवाई सीमा में जमकर अतिक्रमण किया था। गौरतलब है कि नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीनी सेना ने बड़े पैमाने पर मिसाइलें दागी थीं। इसके अलावा जेट और वॉरशिप्स भी तैनात की गई थीं। ताइवान न्यूज डॉट कॉम के मुताबिक कम से कम 22 चीनी मिलिट्री एयरक्राफ्ट, छह नेवी के जहाज और 10 वॉरप्लेन्स ने मीडियन लाइन क्रॉस की थी और ताइवान के आसमान पर मंडराए थे।

ताइवानी नेताओं को चेतावनी

चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की ईस्टर्न थिएटर कमांड के मुताबिक उसने सोमवार को ताइवान की समुद्री और हवाई क्षेत्र में सैन्य अभ्यास किया है। इस बयान में यह भी कहा गया है कि इस सैन्य अभ्यास के जरिए क्षेत्र में अशांति और अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे ताइवान और अमेरिका को कड़ा संदेश दिया गया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वैंग वेनबिन ने सोमवार को नियमित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि अमेरिका वन-चाइना प्रिंसिपल को चुनौती दे रहा है। वहीं चीन के ताइवान अफेयर्स ऑफिस ने ताइवानी नेताओं को अलग से चेतावनी दी है कि उन्हें इसके लिए बुरी तरह से सजा दी जाएगी।

अमेरिका को भी चेताया

वहीं एक अलग बयान में चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी सांसदों का यह दौरा चीन की संप्रुभता पर हमला है। इसमें यह भी कहा गया है कि अमेरिका के इन कदमों से ताइवान क्षेत्र में शांति और अस्थिरता बढ़ रही है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पीएलए अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए युद्ध की तैयारी करता रहेगा और लोगों को ट्रेनिंग देता रहेगा। साथ ही उसने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी ने ताइवान की आजादी के बारे में सोचने की जहमत उठाई तो उसे बर्बाद कर दिया जाएगा। बता दें कि ताइवान के साथ अमेरिका का फॉर्मल डिप्लोमैटिक रिश्ता नहीं है। हालांकि वह इस आइलैंड को आजादी दिलाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करता रहा है।

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