कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक वायरस हैं चीन के पास, बाहर आए तो दुनिया हो सकती है बर्बाद

एक कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में ताला लगा दिया है. तीस लाख से ज्यादा लोग बीमार हैं तो दो लाख से ज्यादा मारे जा चुके हैं. उधर, अब खबर आ रही है कि चीन के उसी वुहान शहर के उसी लैब में कोरोना जैसे 15 सौ से ज्यादा खतरनाक वायरस हैं. वायरस का ये जखीरा उसी वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी लैब में रखा है, जहां से कोरोना का ये वायरस फैला था.
खबरों के मुताबिक चीन के उस लैब में मौजूद 15 सौ से ज्यादा वो जानलेवा वायरस हैं, जिन पर बाकायदा रीसर्च चल रही है. अब जरा अंदाजा लगाइए अगर कोरोना के वायरस की तरह बाकी वारयस भी लैब से बाहर निकल आए तो क्या होगा?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की फिक्र और गुस्सा यूं ही नहीं है. कोरोना वायरस जैसी महामारी के बीच ऐसी तमाम रिपोर्ट आ रही है. जिनमें ये दावा किया जा रहा है कि चीन की जिस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी लैब से कोरोना वायरस के निकलने की बात की जा रही है, वहां दरअसल 1500 से ज्यादा वायरस को पाला जा रहा है.
दावे के मुताबिक इस लैब के एक बड़े फ्रिज में इन जानलेवा वारयरस का एक बैंक बना हुआ है. जहां इन्हें सहेज कर रखा गया है. हालांकि लैब में इन वायरस पर रिसर्च हो रही है. मगर सवाल ये है कि दुनिया पर महामारी लाने वाले इन वायरसों को आखिर यहां जमा ही क्यों किया गया है. ये अगर लीक हो गए तो दुनियाभर के लिए नया खतरा बन सकते हैं.
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ये दावा है ब्रिटिश मीडिया के द डेली मेल ग्रुप का. जिसने वुहान लैब के अंदर की तस्वीरें दुनिया के सामने ला दी हैं. जो लैब में इस वायरस बैंक और उसमें छुपे खतरे की तरफ इशारा कर रही हैं. हालांकि वुहान के इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की ये तस्वीरें पहले भी सामने आ चुकी हैं. तब इसे एशिया का सबसे बड़ा वायरस बैंक कहा गया था. हालांकि बात आई गई हो गई थी. मगर कोरोना वायरस की तबाही के दौरान अब जब चीन की ये वुहान लैब शक के घेरे में हैं. तब इसके अंदर की तस्वीरें निकालने का दावा ब्रिटिश अखबार कर रहा है.
इन्हें चीन से बाहर आईं दुलर्भ तस्वीरें ही मानिए. क्योंकि चीन से ऐसी तस्वीरें और खासकर उसके लैब की ऐसी तस्वीरें निकलना बहुत बड़ी बात है. यही वो वुहान लैब है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यहीं से दुनिया को घरों में कैद कर देने वाली महामारी का जन्म हुआ. सबसे पहले इस तस्वीर को देखिए. वुहान लैब में ऐसी कई फ्रिज में 1500 अलग-अलग तरह के जानलेवा वायरसों को जमा किया गया है. जिनमें कोविड-19 वायरस भी शामिल है.
दरअसल, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी एक ऐसी लैब है, जहां तमाम खतरनाक वायरस पर रिसर्च की जाती है. ब्रिटिश अखबार का दावा है कि इस लैब में जिन जगहों पर वायरस के सैंपल रखे गए हैं. उस फ्रिज की सील टूटी होने की वजह से वहां सेंधमारी की गई है. जिसके बाद इस बात की आशंका तेज हो गई है कि कोरोना जैसी और भी महामारी आने वाले दिनों में दुनिया को देखनी पड़ सकती है. चीन सवालों के घेरे में इसलिए भी है. क्योंकि कोरोना के अलावा भी चीन की इस लैब में ऐसे सैकड़ों वायरस हैं, जिन्होंने सर उठा लिया तो दुनिया के लिए बहुत मुश्किल होगी
आपको बता दें कि अगर चीन ने अपनी लैब में 1500 सौ से ज्यादा वायरस जमा कर रखे हैं लेकिन इसके लिए अकेले चीन ही जिम्मेदार नहीं है. बल्कि वो अमेरिका भी जिम्मेदार है, जो चीन की इस वुहान लैब को उस चमगादड़ पर रीसर्च के लिए फंड दे रहा था. जिससे कोविड-19 वायरस निकलने की बात कही जा रही है. और तो और चीन को ये फंडिंग अमेरिका साल 2015 से कर रहा है. खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप इस सच को दुनिया के सामने स्वीकार कर चुके हैं.
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चीन की वुहान लैब को अमेरिका ये आर्थिक मदद उस रिसर्च को जारी रखने के लिए दे रहा था. जिसमें वो ये पता लगाने की कोशिश करे कि क्या पहले के सार्स या या दूसरे वायरस गुफाओं में रहने वाले चमगादड़ों की वजह से फैला? इसी के बाद वुहान का इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी वहां से करीब एक हजार मील दूर युन्नान से कुछ चमगादड़ों को पकड़कर उन पर शोध भी कर रहा है. इसी शोध को जारी रखने के लिए अमेरिकी सरकार ने लैब को फंडिंग दी थी. हालांकि तब कोविड-19 का तसव्वुर भी नहीं किया गया था. मगर उसके बावजूद डॉ. एंथोनी फाउची ने सवा तीन साल पहले ये भविष्यवाणी कर दी थी कि बहुत जल्द दुनिया पर एक हैरान करने वाली तबाही आ सकती है. ये बात डाक्टर फाउची ने जनवरी 2017 में जार्जटाउन यूनिवर्सिटी में कही थी.
हालांकि चीन इस बात को सिरे से नकारता रहा है कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से लीक हुआ है. मगर उसने ये भी कभी नहीं बताया इस लैब में उसके वैज्ञानिक किन-किन खतरनाक वायरसों पर रिसर्च कर रहे हैं. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब वुहान के इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सीनियर रिसर्चर मीडिया के सामने आए और उन्होंने इन तमाम आरोपों को बेबुनियाद बता दिया.
वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के रिसर्चर युआन जिमिंग का कहना है कि कोई सवाल ही पैदा नहीं होता कि लैब से ये वायरस बाहर आ जाए. लैब के अंदर की सुरक्षा बहुत सख्त है और हम तमाम रिसर्चर को इस कोड ऑफ कंडक्ट को फॉलो करना पड़ता है. मैं आपको पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं कि लैब का कोई भी सदस्य कोरोना से इंफेक्टेड नहीं है. बल्कि हम तो खुद इस वायरस से फैली महामारी पर रिसर्च कर रहे हैं.
बहरहाल, चीन को कठघरे में खड़ा करने वाली इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद तो पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है. अगर वुहान लैब में 1500 वायरस के सैंपल रखे जाने की बात सच है तो ये अपने आप में बेहद खतरनाक है.