
कोरोना वायरस की महामारी के कारण लॉकडाउन लागू है. विमान सेवाओं के साथ ही बस और रेल का परिचालन भी ठप है. देश के अलग-अलग राज्यों के मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं. ओडिशा के मजदूर भी रोजी-रोटी के लिए बड़ी तादाद में दक्षिण भारत के राज्यों में रहते हैं. ओडिशा सरकार ने अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को गृह राज्य वापस लाने का ऐलान कर दिया है.
इस बीच दक्षिण भारत के राज्यों से मजदूरों के समुद्री रास्ते से वापस लौटने का सिलसिला जारी है. अभी दो दिन पहले ही चेन्नई से नाव पर सवार होकर 38 मजदूरों का जत्था ओडिशा के गंजम जिले के पाटी सोनपुर समुद्र तट पर पहुंचा था. अब चेन्नई से 39 मजदूरों को लेकर ओडिशा आ रही नौका बीच सागर में फंस गई है. बताया जाता है कि डीजल खत्म हो जाने के कारण नौका बंद हो गई है.
सूत्रों की मानें तो फंसे मजदूरों को सुरक्षित वापस लाने के लिए रामायपतनम से डीजल लेकर एक बोट को रवाना किया गया है. बताया जाता है कि इस नौका में प्रदेश के गंजम जिले के निवासी 24 श्रमिक सवार हैं. वहीं, 15 अन्य आंध्र प्रदेश के निवासी बताए जाते हैं. 24 में से 11 रामायपतनम के हैं, जबकि नौ पाटी सोनपुर, तीन मरकंडी और एक दिगीपुर का निवासी बताया जाता है.
गुजरात में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ी, वजह बने वायरस के L-स्ट्रेन
इस संबंध में बरहमपुर के पुलिस अधीक्षक पिनाक मिश्रा ने आजतक को बताया कि हमें जानकारी मिली है. खुद मरीन पुलिस स्टेशन जा रहा हूं. उन्होंने कहा कि हम इसकी पुष्टि करेंगे, उसके बाद ही कुछ बता पाएंगे. गौरतलब है कि मछली पकड़ने वाली नौका से समुद्र में 5 दिन सफर कर 38 मजदूर गंजाम पहुंचे थे.
गंजाम पहुंचे मजदूरों में 28 ओडिशा और 10 आंध्र प्रदेश के थे. प्रशासन ने नौका को जब्त करने के साथ ही सभी को क्वारनटीन कर दिया था. प्रदेश के परिवहन मंत्री पद्मनाभ बेहरा ने कहा था कि घर लौटने के लिए इन श्रमिकों ने आपस में पैसा एकत्रित कर दो लाख रुपये में नौका खरीदी थी. उन्होंने एक दिन पहले ही चेन्नई में फंसे प्रदेश के मजदूरों को वापस लाने की घोषणा की थी.