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पहले पालघर में साधुओं की हत्या अब उनका केस लड़ रहे वकील की मौत..दुर्घटना है या साजिश?

महाराष्ट्र के पालघर लिचिंग केस में साधुओं का केस लड़ रहे वकील के एक सहयोगी की सड़क हादसे में मौत हो गई है. मृतक का नाम दिग्विजय त्रिवेदी है. ये हादसा बुधवार को मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर हुआ, जब दिग्विजय त्रिवेदी अपनी कार से कोर्ट की ओर जा रहे थे.

बता दें कि अप्रैल महीने में पालघर के गड़चिनचले गांव में भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्सवरी पूर्व स्थित हनुमान मंदिर के थे. ये साधु मुंबई से सूरत अपने गुरु के अंतिम संस्कार में जा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते पुलिस ने इन्हें हाइवे पर जाने से रोक दिया. फिर गाड़ी में सवार साधु ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए, जहां मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए.

इस मामले को लेकर लगातार राजनीतिक बयानबाजी हुई थी और उद्धव सरकार विपक्ष के निशाने पर थी. हालांकि, इस मामले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 16-17 अप्रैल की रात जब ये दो साधु अपने ड्राइवर के साथ गांव से गुजर रहे थे, तब लोगों को चोरों के आने का शक हुआ.

साधुओं की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्य्क्ष नरेंद्र गिरी महाराज ने इस घटना पर कहा था कि पालघर में जूना अखाड़े के दो संतों के साथ जो हुआ वो बेहद दर्दनाक है. उन्होंने कहा कि साधुओं की मौत पर मुझे आश्चर्य है कि यह मनुष्य नहीं कर सकता, राक्षस लोग ही ऐसा कर सकते हैं. नरेंद्र गिरी महाराज ने ये भी कहा कि महाराष्ट्र में अब रावण राज आ गया है, जहां निर्दोष संत-महात्माओं को मारा जा रहा है, बिना किसी अपराध के मारा जा रहा है.

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