उत्तर प्रदेशलखनऊ

अब ठंड से नहीं कापेंगे बच्चे, स्कूली बच्चों को सीएम योगी ने दिया तोहफा

ठंड के मौसम में अब बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी नहीं होगी। कारण कि परिषदीय विद्यालयोें में ड्रेस, बैग, जूता, मोजा, स्वेटर आदि के लिए अभिभावकों के खाते में प्रति छात्र 1100 रुपये डीबीटी के माध्यम से भेज दिया गया है। अब अभिभावक बच्चों के लिए अपनी पसंद से स्वेटर, ड्रेस, जूता-मोजा आदि की खरीदारी कर सकेंगे। अब तक छात्रों को बिना ड्रेस के ही विद्यालय जाना पड़ रहा था। सरकार के इस फैसले से गरीब अभिभाकों को राहत मिलेगी। कारण कि सभी अभिभावक परेशान थे कि ठंड में उनके बच्चे स्कूल कैसे जाएंगे।

बता दें कि कोविड-19 संक्रमण के चलते पिछले डेढ़ साल से स्कूल बंद थे। पूर्व में परिषदीय विद्यालयों में ड्रेस, बैग आदि सामान के वितरण के लिए टेंडर होता था। ठेका हासिल करने वाले बच्चों को मानक के अनुरूप सामान नहीं देते थे। जिसे लेकर अक्सर विवाद होता था। इस अलग बात है कि इसमें स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कभी कोई कार्रवाई नहीं हो पाती थी।

कोविड संक्रण कम होने के बाद परिषदीय जूनियर हाई स्कूल 24 अगस्त व प्राथमिक विद्यालय 1 सितंबर से पठन पाठन शुरू हुआ था लेकिन सरकार ने इस बार ड्रेस, जूता-मोज, बैग, स्वैटर आदि के लिए टेंडर की व्यवस्था समाप्त कर सीधे अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजने का फैसला किया था। अब तक धनराशि खाते में नहीं भेजी गयी थी। जिले में 2702 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें 528 कम्पोजिट विद्यालय,1720 प्राथमिक विद्यालय तथा 454 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें 04 लाख 25 हजार बच्चे अध्ययनरत है। ठंड शुरू हो चुकी है। ड्रेस आदि न मिलने से बच्चों के साथ अभिभावक भी परेशान थे। कुछ बच्चे पुराना ड्रेस पहनकर स्कूल जाते थे लेकिन ज्यादातर बच्चे बिना ड्रेस के ही विद्यालय जाते थे।

छात्र व अभिभावकों की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शनिवार को जिले के 4.25 लाख बच्चों के अभिभावकों के खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से प्रति छात्र 1100 रुपये भेजा गया। समारोह का लाइव प्रसारण किया गया। बीएसए कार्यालय में शिक्षकों ने कार्यक्रम को देखा। मुख्यमंत्री ने इस दौरान शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर जोर दिया।

अभिवावक अच्छेलाल यादव, कैलाशी देवी, कौशिल्या, रामचंदर आदि ने बताया कि ठंड शुरू होने के बाद से ही वे परेशान थे कि बच्चे स्कूल कैसे जाएंगे लेकिन सरकार ने बिल्कुल सही समय पर खाते में पैसा भेज दिया है। अब वे बच्चों के लिए ड्रेस, स्वेटर आदि की खरीदारी कर सकेंगे। पहले स्कूल में ही उक्त सामान मिलता था लेकिन उनकी क्वालिटी अच्छी नहीं होती थी। अब वे अपनी पसंद से समान की खरीदारी कर सकेंगे।

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