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यूपी में श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी, मध्य प्रदेश से आए 5259 प्रवासी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर देश के अन्य राज्यों में रह रहे प्रदेश के श्रमिकों को चरणबद्ध ढंग से लाया जा रहा है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश से पांच हजार से अधिक श्रमिक वापस अपने गृह प्रदेश लौटे। अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मध्य प्रदेश से आज लगभग 155 बसों से 5259 श्रमिक आए। अन्य राज्यों से भी श्रमिक लौट रहे हैं। उनकी वापसी चरणबद्ध ढंग से हो रही है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे मध्य प्रदेश के 1341 श्रमिकों को 50 बसों से उनके गृह प्रदेश भेज दिया गया है।

अवस्थी ने बताया कि मध्यप्रदेश से श्रमिकों का जो आदान- प्रदान होना था, वह आज पूरा हुआ। प्रदेश से आए श्रमिक एवं कामगार विभिन्न जिलों में पहुंच रहे हैं। उनका पुन: स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक का ब्यौरा देते हुए कहा कि अब तक दिल्ली से चार लाख से अधिक श्रमिक एवं कामगार आए। हरियाणा से 12 हजार से अधिक श्रमिक आए हैं। अन्य राज्यों से भी श्रमिक आ रहे हैं। उनकी वापसी चरणबद्ध ढंग से हो रही है। इस बारे में मुख्यमंत्री ने विस्तृत चर्चा की।

श्रमिकों की वापसी को लेकर सीएम योगी ने की समीक्षा

अवस्थी ने बताया कि शनिवार को राजस्थान से 6500 श्रमिक और उत्तरांखंड के करीब 1500 श्रमिकों को आना है। कल से उनका आदान प्रदान होगा। श्रमिकों और कामगारों को हरिद्वार और बरेली से हमारे प्रदेश में लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने आज श्रमिक दिवस के मौके पर श्रमिकों की वापसी के संदर्भ में विस्तृत समीक्षा की। उनका स्वास्थ्य परीक्षण कैसे हो, डाटा कैसे एकत्र हो, कैसे उनके नाम, पते और मोबाइल नंबर का विवरण रखा जाए, उन्हें जिले के क्वारंटाइन सेंटर से होम क्वारंटाइन में कैसे भेजा जाए, जब वे होम क्वारंटाइन में जाएं तो वहां कम्युनिटी किचेन कैसे चालू हो, शौचालय की व्यवस्था कैसे की जाए और उन्हें सुरक्षा कैसे दी जाए, इन बातों पर चर्चा की गई।

प्रवासी श्रमिकों की वापसी पर कम्युनिटी सर्विलांस कराई जाए

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जब क्वारंटाइन सेंटर से कोई श्रमिक होम क्वारंटाइन में जाता है तो उसे खाद्यान्न का पूरा एक पैकेट दिया जाता है ताकि कम से कम एक हफ्ते तक उसके पास राशन सामग्री रहे और उसे क्वारंटाइन सेंटर पर भरपेट भोजन मिले। अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। वे होम क्वारंटाइन में कम से कम 14 दिन अवश्य रहें। उनकी कम्युनिटी सर्विलांस कराई जाए। इसके लिए वॉलेंटियर लगाए जाएं, ग्राम प्रधान को फोन किया जाए और अगर शहरी क्षेत्र है तो वार्ड सदस्यों से संपर्क कर फोन पर हालचाल लिया जाए और क्वारंटाइन के प्रोटोकाल को पूरा करने की कार्रवाई की जाए।

सीमाएं सील करने में बरतें सतर्कता

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सीमाएं सील करने को लेकर सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से ग्राम प्रधानों और नगरों के पार्षदों को ये भी बताया जाए कि यदि कोई चोरी छुपे, बिना बताए आ गया है तो उसकी सूचना अवश्य दी जाए क्योंकि उनके कोरोना संवाहक होने की आशंका रहती है। योगी ने कहा कि जरूरत पडने पर निजी मेडिकल कालेज, डेंटल कालेज और इंजीनियरिंग कालेज को एल-1 और एल-2 अस्पताल बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने आगरा और कानपुर में अतिरिक्त प्रशसनिक व्यवस्था का निर्देश देते हुए कहा कि वहां समर्पित मेडिकल टीम भेजी जाए। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी नए सिरे से भेजे जाएं।

कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए मेडिकल संक्रमण को हर हाल में रोकना होगा

योगी ने कहा कि हमें कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए मेडिकल संक्रमण को हर हाल में रोकना होगा। साथ ही ये निर्देश दोहराया कि आपातकाल सेवा में भी मास्क और पीपीई का उपयोग हो। उन्होंने मास्टर ट्रेनर नियुक्त करने का आदेश दिया और रोडवेज बस चालकों एवं परिचालकों को मास्क और दस्ताने मुहैया कराने का निर्देश दिया। योगी ने कहा कि नोडल अधिकारी फोन पर उपलब्ध रहें और लोगों की दिक्कतें सुनकर समाधान करें।

उन्होंने कहा कि मंडियों में सामाजिक दूरी का पालन हो, डिजिटल बैंकिंग को प्रोत्साहित करें ताकि बैंकों में भीड़ ना होने पाए। डिजिटल बैंकिंग में बहुत अच्छा काम हो रहा है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां डाक विभाग ने सबसे अधिक भुगतान डिजिटल बैंकिंग के जरिए किया है। अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बाहर से जो श्रमिक आएं, उनके कौशल का विवरण लिया जाए और उन्हें स्किल ट्रेनिंग से कैसे आगे जोड़ा जा सकता है, इस पर विशेष आदेश दिए।

30 लाख श्रमिकों को 297.07 करोड रुपए दिया गया

उन्होंने बताया कि आज से हम लोग विभिन्न गतिविधियां शुरू कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने समीक्षा में पाया कि ग्राम्य विकास के काम में 11 लाख श्रमिक कार्यरत हैं जबकि लोक निर्माण विभाग में 15, 602 करोड रुपए के कार्य शुरू हो गए हैं और इनमें 6600 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। इसी तरह सिंचाई की 148 परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है। यूपीडा के कार्य में भी तेजी आई है। मशीनों और श्रमिकों की संख्या बढ गई है। अवस्थी ने कहा कि आज श्रमिक दिवस है। श्रमिकों को एक एक हजार रुपए जो दिया जाना था उस योजना के तहत 30 लाख श्रमिकों को 297.07 करोड रुपए दे दिया गया है।

नए सिरे से लोगों को खाद्यान्न मिलना शुरू

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि खाद्यान्न वितरण आज एक मई से शुरू कर दिया गया है। नए सिरे से लोगों को खाद्यान्न मिलना शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि दूसरे प्रदेशों से श्रमिक चरणबद्ध रूप से आ रहे हैं। निरंतर हर प्रदेश से सूचना हमारे पास आ रही है। हम हर प्रदेश की सूचना ले रहे हैं। अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने कल सभी बडे़ प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। उन प्रदेशों से अगर श्रमिकों की सूची, विवरण और उनके स्वास्थ्य परीक्षण की रिपोर्ट पहले से आ जाती है तो हम उन्हें चरणबद्ध ढंग से प्रदेश में लाएंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इसके अलावा पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, महराष्ट्र, दिल्ली और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों को इस बारे में पत्र लिखा गया है।

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