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विशेष सत्र बुलाने की मांग पर अखिलेश यादव को सुरेश खन्ना का करारा जवाब

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। अखिलेश की इस मांग पर उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने करारा जवाब देते हुए कहा है कि मौजूदा स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग ही समाधान है।

सुरेश खन्ना ने कहा कि अगर विधानसभा सत्र बुलाया जाता है, तो इसका मतलब होगा लोगों का जमावड़ा। ऐसे करने से कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा हम नेताओं के लगातार संपर्क में हैं, मेरा मानना है कि सरकार ने सभी स्तरों पर सतर्कता और ईमानदारी दिखाई है। आवश्यकता पड़ने पर निर्णय लिए गए। जरूरतमंदों की मदद की जा रही है। गेहूं की फसल की कटाई की जा रही है। कोरोना का मुकाबला करने के लिए सरकार सभी प्रयास कर रही है।

 

अखिलेश यादव ने गुरुवार को जारी बयान में कहा था कि वर्तमान सामाजिक और आर्थिक स्थिति तथा कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न समस्याओं के समाधान पर कारगर कदम उठाने के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा का विषेश सत्र तत्काल बुलाया जाना चाहिए। एक महीने से ज्यादा समय बीत चुका है। जबकि लॉकडाउन की अवधि में राज्य की जनता घरों में है। कुछ जनपदों में कोरोना का प्रकोप अभी भी जारी है।

उन्होंने कहा था कि अस्पतालों में अन्य बीमारियों का इलाज नहीं हो पा रहा है। कोरोना इलाज के भय से जनता सहमी हुई है। जांच किट की पर्याप्त उपलब्धता के अभाव में मरीजों की सही-सही संख्या का भी पता नहीं चल रहा है। प्रशासनिक तालमेल की कमी की स्थिति यह है कि आगरा से रात में ही एक बस भर कर कोरोना पॉजिटिव को सैफई अस्पताल के लिए रवाना कर दिया, लेकिन सैफई के अस्पताल के प्रशासन को सूचना तक नहीं दी गई। सैफई में मरीज घंटों बाहर सड़क पर भर्ती के लिए इंतजार में बैठे रहे।

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