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24 अप्रैल से रोज अतिरिक्त पूजा के बाद ही करूँगा अन्न ग्रहण: रामगोविंद चौधरी

  • पूजा में ईश्वर एवं आदिशक्ति माँ दुर्गा से प्रार्थना करूँगा कि वह कोरोना से देश को बचाए और कोरोना के नाम पर आम आदमी को रुलाने वालों से भी देश को बचाए
  • आप भी करिए, उपरोक्त मन्नत के साथ अपने अपने इष्ट का, अपने अपने तरीके से
लखनऊ। रामगोविन्द चौधरी ने कोरोना वायरस से संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार के अचानक लॉक डॉउन की घोषणा के बाद से अच्छे भविष्य के लिए गांवों से पलायन कर शहर में जाकर बस गए दिहाड़ी मजदूरों व श्रमिकों की मौजूदा दुखद हालत को देखते हुए
तय किया है कि वे गुरुवार 24 अप्रैल से अब अपने घर में आदिशक्ति माँ दुर्गा की अतिरिक्त पूजा के बाद ही अन्न ग्रहण करेंगे।
उन्होंने कहा कि पैदल घर जा रहा मजदूर रास्ते में मर गया, बच्ची रास्ते में मर गई, अमुक ऐसे मर गया, अमुक वैसे मर गया, देश के तीस फीसदी लोग दाने दाने को मोहताज हो गए, और लोग भी भूख की चपेट में जाने की ओर हैं।  इसी बीच जहर युक्त दल की हिंसक भीड़ ने इस बार महाराष्ट्र में साधुओं को ही अपना शिकार बना लिया। लाकबन्दी की आड़ में जगह जगह आम आदमी को पीटा जा रहा है। कटाई को आ जा रहे  किसान और कटाई करने वाले मजदूर पीटे जा रहे हैं, सच दिखाने वाले या लिखने वाले पत्रकार पीटे जा रहे हैं।
अस्पताल में कोरोना से जूझ रहे डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मी आवश्यक उपकरण की मांग कर रहे हैं तो उन्हें दंडित किया जा रहा है।  सोशल मीडिया में चल रहीं पिटाई, मौत और दर्दनाक हालात को बयां करने वाली ये तस्वीरें देखकर मन रो रहा है लेकिन कहें किससे, जिसे सुनना चाहिए, वह सुनकर भी अनसुना कर दे रहा है। जिसे देखना चाहिए, वह इन तस्वीरों को लेकर धृतराष्ट्र बना हुआ है।
सपा नेता रामगोविन्द चौधरी ने कहा, एक सूबे में पहले शपथ और अब मन्त्रिमण्डल का विस्तार यूँ कराया गया जैसे कोरोना से लड़ने के लिए यही जरूरी था। पूरे देश में सुबह से शाम तक केवल निर्देश जारी हो रहे हैं। आम आदमी इन निर्देशों को, इस विस्तार की सफलता को लेकर ओढ़े, बिछाए, साधुओं की हत्या पर रोए, अपनी भूख पर रोए, अपनी पिटाई पर रोए, उसके पास यही एक रास्ता शेष है।

इसे लेकर एक प्रश्न आपके मन भी उठ रहा होगा कि करें क्या?

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि  इन मदान्ध लोगों ने मन्दिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, गिरजाघरों आदि को भी बन्द कर रखा है। ये खुले रहते तो पूर्व की भांति जाता और मत्था टेककर गुहार करता कि हे प्रभु ! हे आदि शक्ति माँ दुर्गे ! कोरोना से देश को बचाओ और कोरोना से बचाने के नाम पर देश को रुलाने वालों से भी देश को बचाओ।
चूंकि आस्था के ये सभी केन्द्र बन्द है, इसलिए मैंने बहुत सोच कर तय किया है कि अब अपने ही घर में रोज सुबह की पूजा बाद ईश्वर की और आदिशक्ति माँ दुर्गा की अतिरिक्त पूजा करूँगा कि वह कोरोना से देश को बचाएं और कोरोना से बचाने के नाम पर आम आदमी को रुलाने वालों से भी इस देश को बचाए।

गुरुवार 24 अप्रैल से इस अतिरिक्त पूजा के बाद ही अन्न ग्रहण करूँगा

आप मित्रों से भी आग्रह है कि आप सनातन हिन्दू हैं तो आप भी पूजा करिए, ईसाई हैं तो गाड से प्रार्थना करिए, सिख्ख हैं तो गुरु को याद करिए, बौद्ध हैं तो उन्हें याद करिए, मुसलमान हैं तो नमाज पढ़िए, जो भी आपके इष्ट हों, जो भी आपका तरीका हो, उस तरह से उनकी पूजा करिए और कहिए कि हे प्रभु, हे आदिशक्ति माँ दुर्गा, हे परवरदिगार आप कोरोना से देश को बचाएं और कोरोना से बचाने के नाम पर आम आदमी को रुलाने वालों से भी इस देश को बचाएं।

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