
दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन 8 मार्च से ही सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से छिप रहे थे. येस बैंक मामले में पूछताछ के लिए दोनों एजेंसियां इनकी तलाश में थीं. दोनों खंडाला के एक गेस्ट हाउस में छिपे थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उन्हें इसे छोड़कर महाबलेश्वर जाना पड़ा.
गिरफ्तारी के डर से मुंबई से भागे थे
कपिल और धीरज वधावन समेत 23 लोगों को महाबलेश्वर से महाराष्ट्र पुलिस ने हिरासत में लिया है. उन्हें यह डर था कि मुंबई जाने पर गिरफ्तार हो जाएंगे, इसलिए वे महाबलेश्वर की तरफ निकल गए. असल में 8 मार्च को येस बैंक के फाउंडर राणा कपूर को ईडी ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद अपनी गिरफ्तारी के डर से वधावन ब्रदर्स खंडाला गए और एक गेस्ट हाउस में छिप गए. यह आरोप है कि उन्होंने कपूर परिवार को घूस देकर येस बैंक से सैकड़ों करोड़ के लोन हासिल किए.
इस मामले में मुख्य आरोपी वधावन भाइयों को ईडी और सीबीआई ने कई बार समन भेजा, लेकिन वे पूछताछ के लिए नहीं गए. हाल में तो उन्होंने यह बहाना बनाया कि कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से वे बाहर नहीं निकलेंगे. दोनों एजेंसियों के अधिकारियों ने वधावन परिवार के मुंबई स्थित आवास और महाबलेश्वर के उनके फार्म हाउस पर छापेमारी भी की थी, लेकिन वे वहां नहीं मिले.
सूत्रों ने अनुसार वधावन ब्रदर्स को जब यह संकेत मिला कि येस बैंक केस में उनको धरा जा सकता है, तो वे मुंबई से बाहर निकल गए. सूत्रों के अनुसार कई जगह का चक्कर लगाने के बाद आखिरकार वे खंडाला के एक गेस्ट हाउस में जाकर छिप गए. यह मुंबई और पुणे के करीब स्थित एक हिल स्टेशन है. वे वहां कई दिन तक रहे और बाद में उनके परिवार, कुछ पारिवारिक दोस्त और नौकर-चाकर भी पहुंच गए.
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अफसरों की मिलीभगत
लेकिन उनका सुकून तब खत्म हो गया जब लॉकडाउन शुरू हो जाने के बाद गेस्ट हाउस के मालिक उनसे कमरे खाली करने का उन पर दबाव बनाने लगा. लेकिन ऐसे दौर में कहीं और जाने से पकड़े जाने का डर था, इसलिए वधावन ब्रदर्स ने अपने कुछ खास अधिकारियों की मदद ली.