
मुंबई। महाराष्ट्र के पालघर जिले में चोर होने के संदेह में बीते दिनों भीड़ द्वारा दो साधुओं और एक ड्राइवर की पीट-पीट कर बेरहमी से हत्या करने के मामले में पुलिस ने करीब सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बीच पालघर लिंचिंग केस में महाराष्ट्र् के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि अब तक इस मामले में जितने लोग गिरफ्तार हुए हैं, उनमें एक भी मुस्लिम नहीं है।
राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को कहा कि करीब गिरफ्तार किए गए 101 आरोपियों में एक भी मुस्लिम नहीं है और उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहा है। फेसबुक के माध्यम से अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि पालघर मामले पर सांप्रदायिक राजनीति हो रही है। बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहे हैं। यह राजनीति करने का समय नहीं है, बल्कि मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने का वक्त है।
उन्होंने कहा कि सीआईडी के एक विशेष आईजी स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। मगर मैं यह बताना चाहूंगा कि पुलिस ने क्राइम के 8 घंटे के भीतर 101 लोगों को गिरफ्तार किया। हम आज व्हाट्सएप्प के जरिए आरोपियों के नाम जारी कर रहे हैं, उस सूची में कोई मुस्लिम नहीं है।
The list of the 101 arrested in the #Palghar incident. Especially sharing for those who were trying to make this a communal issue.. pic.twitter.com/pfZnuMCd3x
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 22, 2020
उच्चस्तरीय जांच के आदेश
दरअसल, महाराष्ट्र के पालघर जिले में चोर होने के संदेह में गुरुवार रात तीन लोगों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर देने के मामले में राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने रविवार को यह जानकारी दी। देशमुख ने इस इस घटना को कोई सांप्रदायिक रंग नहीं देने की भी चेतावनी दी है क्योंकि तीन मृतकों में दो लोग साधु बताये जा रहे हैं। देशमुख ने ट्वीट किया था, ‘सूरत जा रहे तीन लोगों की पालघर में हुई हत्या में संलिप्त 101 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
हत्या के मामले में मैंने उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है।’ देशमुख ने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों पर करीबी नजर रख रही है, जो इस घटना के जरिए समाज में वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं। देशमुख ने कहा, ” पालघर की घटना में जो लोग मारे गए और जिन्होंने हमला किया, वह अलग-अलग धर्मों के नहीं थे।’ भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी।
क्या है पूरा पालघर का मॉब लिंचिंग मामला
दरअसल, दो साधु और एक ड्राइवर को महाराष्ट्र के पालघर में बीते गुरुवार की देर रात करीब 200 लोगों की भीड़ ने मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी थी। पुलिस ने इस घटना पर बीते शुक्रवार को बताया कि तीन दिन में यह दूसरी ऐसी घटना है। पुलिस के मुताबिक, भीड़ ने इको वैन में बैठे दोनों साधु और उनके ड्राइवर को चोर समझकर उनकी पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी। कासा पुलिस थाने के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर आनंदराव काले ने कहा कि वैन नासिक से आ रही थी जब गुस्साई भीड़ ने दधाडी-खानवेल रोड पर गधचिंचाले गांव के नजदीक रोका।
काले ने कहा कि भीड़ ने पहले वैन रोककर सवाल पूछे और उसके बाद खींचकर उनकी पिटाई शुरू कर दी। ड्राइवर ने किसी तरह पुलिस को कॉल किया और टीम मौके पर पहुंच गई। आनंद राव काले ने कहा- भीड़ में काफी संख्या लोग थे और हमने साधुओं और ड्राइवर को बचाने की कोशिश की लेकिन मॉब ने हम पर भी हमला किया और पत्थर फेंकने लगे। जिसका नतीजा ये हुआ कि तीनों ने पिटाई के चलते वहीं पर दम तोड़ दिया। मृतक की पहचान सुशील गिरी महाराज (35), चिकने महाराज कल्पवरुक्षगिरी और ड्राईवर नीलेश तेलगाडे के तौर पर हुई है।