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स्वास्थ्य मंत्रालय: 24 घंटे में सामने आए कोरोना के 991 मरीज, 43 ने तोड़ा दम 

संयुक्त स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने कोरोना वायरस से संबंधित अपडेट देने के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अब तक का डेटा देखें तो देश में 1992 लोग ठीक हो चुके हैं. हम देखें तो हमारा क्योर पर्सेंटज 13.85 प्रतिशत है. कल से कुल 991 नए पॉजिटिव केस आए हैं. इस तरह देश में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 14378 तक पहुंच चुकी है. पिछले 24 घंटों में 43 और लोगों की जान गई है. इस वजह से मौत का आंकड़ा 480 पर पहुंच गया है.

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लव अग्रवाल ने कोरोना से हुई मौतों पर चर्चा करते हुए आगे कहा कि डेथ की जो डिटेल्स आई हैं, उसको हम एनलाइज करें तो हमने देखा है कि हमारे देश में मोरटलिटी करीब 3.3 प्रतिशत पाई गई है. जिसमें अगर आयुवार विश्लेषण करें तो पाते हैं कि 0-45 साल के आयुवर्ग में 14.4 प्रतिशत लोगों की जान गई है. 45-60 आयुवर्ग में यह 10.3 प्रतिशत, 60-75 आयुवर्ग में 33.1 प्रतिशत, 75 साल से ऊपर के मरीजों में यह 42.2 प्रतिशत रहा है. यानी की हम देखते हैं कि 75.3 केस जो हैं वो 60 से ज्यादा उम्र के लोगों में डेथ नोट की गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे बताया गया कि टेस्टिंग मेथेडोलॉजी के केयरफुल रिव्यू करने के बाद आईसीएमआर ने नेशनल टेस्ट टास्क फोर्स की सलाह के तहत एक नया दिशा-निर्देश जारी किया है. इसके द्वारा उन्होंने बताया है कि रियल टाइम पीसीआर टेस्ट कोरोना वायरस के फ्रंटलाइन टेस्ट का गोल्ड स्टैंडर्ड है. यह इसलिए बता रहा हूं कि हमें इनका अंतर पता होना चाहिए रियल टाइम पीसीआर टेस्ट बनाम एंटी बॉडी टेस्ट के क्या-क्या रोल और क्या-क्या लिमिटेशन्स हैं.

लव अग्रवाल ने आगे कहा, “मैं बताना चाहूंगा कि रियल टाइम पीसीआर टेस्ट को ही हम कंफर्मेशन टेस्ट मानते हैं जो रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट है वो इस टेस्ट को रिप्लेस नहीं करता है. रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट का प्राइमरी इस्तेमाल इसलिए है कि वो एक एरिया में बीमारी का पता लगाने में किया जाता है. रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट का इस्तेमाल हॉटस्पॉट में किया जाना है. राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट की रिपोर्ट को भी लगातार पोर्टल पर अपडेट करें ताकि हम उनका भी इस्तेमाल कर सकें. राज्यों को यह भी बताया गया है कि पीसीआर टेस्ट और रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट किन-किन लोगों पर करना है.”

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अंत में लव अग्रवाल ने केरल के एक जिले का उदाहरण भी दिया. लव अग्रवाल ने कहा, “आज जो रिजल्ट सामने आ रहे है वह फील्ड में कोविड के योद्धाओं की वजह से हम देख पा रहे हैं. हम उदाहरण के तौर पर केरल के कासरगोड जिले में लगातार प्रयास से बेहतर परिणाम सामने आए हैं. इस जिले में 168 पॉजिटिव केस आए थे. जिसमें से 113 केस अबतक ठीक हो चुके हैं. सबसे अच्छी बात है कि क्लीनिकल मैनेजमेंट पर फोकस करते हुए जिले में एक भी डेथ रिपोर्ट नहीं हुई है. आज जिले में 55 एक्टिव केस हैं जिनका इलाज चल रहा है.”

केरल के उस जिले की दिक्कत और उठाए गए कदम बताते हुए उन्होंने कहा, “यह बॉर्डर पर था, राजधानी से दूर था, जिले के तमाम लोग विदेशों से लौटे थे. सबसे पहले राज्य सरकार ने वहां नियुक्त किया. लैब और हॉस्पिटल पर फोकस किया. लोगों को होम क्वारनटीन किया. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए ‘ब्रेक द चेन’ कैंपेन चलाया. 7 ड्रोन से निगरानी की गई. क्वारनटीन लोगों पर जियो टैगिंग से नजर रखी गई. एक अस्पताल को 4 दिन में कोरोना से लड़ने के लिए तैयार किया गया. आशा कार्यकर्ताओं द्वारा डोर-टू-डोर सर्वे करवाया गया. शेल्टर होम और गरीब लोगों को राशन और खाना पहुंचाया गया. हाई रिस्क केस को आइसोलेशन में रखा गया. यही वजह है कि पॉजिटिव रिपोर्ट सामने आए. साफ है कि यह सबके प्रयास से होने वाला उद्यम है.”

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