पहले से खराब अर्थव्यवस्था से परेशान पाकिस्तान को कोरोना ने लगाई भारी चपत

कोरोना का कहर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए भारी पड़ रहा है. इससे निपटने के लिए पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मदद मांग थी. अब आईएमएफ पाक को 1.4 अरब डॉलर का लोन देने पर विचार कर रहा है. इसके बारे में इसी हफ्ते निर्णय हो जाएगा.
पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दुनिया से यह अपील की है कि कोरोना वायरस के प्रकोप से निबटने के लिए पाकिस्तान जैसे विकासशील देश की मदद की जाए.
पाकिस्तान की इकोनॉजी हुई खस्ता
गौरतलब है कि पाकिस्तान में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 5,370 से ज्यादा हो गई और वहां 92 लोगों की कोविड—19 से मौत हो गई है. कोरोना संकट की वजह से पाकिस्तान में आर्थिक सुस्ती है और वहां नकदी की भारी तंगी है. इसकी वजह से आईएमएफ पाकिस्तान को 1.4 अरब डॉलर के लोन देने पर विचार करेगा. यह लोन उस 6 अरब डॉलर के राहत पैकेज के अलावा होगा, जो पाकिस्तान को आईएमएफ से पहले होने वाले समझौते के तहत मिलना है.
पिछले साल जब पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा की भारी तंगी की वजह से भुगतान संतुलन का संकट आया था, तब पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ एक समझौते पर दस्तखत किया था, जिसके तहत उसे 6 अरब डॉलर का राहत पैकेज मिलना है.
अमेठी में आग ने भरपाया कहर, हादसे में महिला गंभीर रूप से जली
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यकारी बोर्ड की बैठक 16 अप्रैल को होने जा रही है, इसमें ही पाकिस्तान को 1.4 अरब डॉलर का अतिरिक्त लोन देने पर विचार किया जाएगा. यह लोन पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा को बढ़ाने और उसको बजटीय सहायता प्रदान करने के लिए दिया जा रहा है, ताकि पाकिस्तान कोरोना की वजह से जिस आर्थिक सुस्ती का सामना कर रहा है उससे निपट सके.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पाकिस्तान ने मार्च में आईएमएफ से अनुरोध किया था कि कोविड—19 से उत्पन्न विपरीत हालात से निपटने के लिए उसे मुद्रा कोष के रैपिड फाइनेंसिंग इंस्ट्रुमेंट के तहत तत्काल लोन दिया जाए.
आईएमएफ की पाकिस्तान प्रतिनिधि टेरेसा डी सांचेज ने बताया, ‘पाकिस्तान से यह अनुरोध मिलने के बाद से ही हम उसके अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. 1.4 अरब डॉलर का यह लोन अगले हफ्ते ही मिल सकता है.’