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निजी क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयां अपने श्रमिकों, कर्मियों को दें मानदेय: सीएम योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉक डाउन से प्रभावित गरीब और कमजोर वर्ग को राहत पहुंचाने के लिए 1000 रुपए प्रति लाभार्थी की दर से दिए जा रहे भरण-पोषण भत्ते के वितरण कार्य की अब तक की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया है। सीएम ने अभियान चलाकर शेष निर्माण श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों तथा निराश्रित व्यक्तियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं। बता दें अब तक विभिन्न श्रेणी के 23.70 लाख श्रमिकों को राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से कुल 236.98 करोड़ रुपए का भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया है।

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मुख्यमंत्री ने शनिवार को लोक भवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉक डाउन व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस आपदा काल में श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों, निराश्रित व्यक्तियों तथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के परम्परागत कारीगरों आदि को 1-1 हजार रुपए की सहायता राशि के साथ-साथ खाद्यान्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में छूटे हुए निराश्रित पात्र लोगों का युद्धस्तर पर चिन्हित करते हुए सभी जरूरतमंदों को 1 हजार रुपए के भरण-पोषण भत्ते का लाभ दिया जाए।

सरकार लगातार श्रमिकों के खाते में भेज रही रुपये: सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के विविध आयामों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने शुरू से ही प्रभावी कदम उठाए। 24 मार्च, 2020 को 5.97 लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के खाते में 1-1 हजार रुपए आरटीजीएस के माध्यम से हस्तांतरित किए गए। अब तक 13.51 लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को कुल 135.10 करोड़ रुपए उनके बैंक खाते में हस्तांतरित किए गए हैं।

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उन्होंने कहा कि ठेला, खोमचा, रेहड़ी आदि लगाने वालों, रिक्शा, ई-रिक्शा चालक, पल्लेदार, रेलवे कुली, दिहाड़ी मजदूरों आदि के भरण-पोषण हेतु 1,000 रुपए की धनराशि उनके खाते में उपलब्ध कराना राज्य सरकार की एक बड़ी पहल है। शहरों में ऐसे 5.82 लाख श्रमिकों को अब तक 58.19 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक कुल 4.37 लाख निराश्रित व्यक्तियों को 43.69 करोड़ रुपए की भरण-पोषण भत्ते की धनराशि का भुगतान किया गया है।

निजी क्षेत्र भी अपने श्रमिकों को मानदेय अवश्य दें

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शिक्षण संस्थानों, चिकित्सालयों, कार्यालयों में काम करने वाले अस्थाई कर्मचारियों, आउटसोर्सिंग कर्मी जो लॉक डाउन अवधि के कारण कार्य स्थल पर उपस्थित नहीं हो पाए, ऐसे कार्मिकों की अनुपस्थिति अवधि के मानदेय में कोई कटौती न की जाए। निजी क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत श्रमिकों एवं अन्य कर्मियों को भी लॉक डाउन अवधि में मानदेय अवश्य दिया जाए।

बैठक में सीएम को बताया गया कि श्रमिकों को लॉक डाउन अवधि का वेतन दिलाने के लिए प्रदेश की 36,090 औद्योगिक इकाइयों से सम्पर्क किया गया। अब तक 34,309 औद्योगिक इकाइयों से उनके कार्मिकों को 512.98 करोड़ रुपए का वेतन भुगतान कराया गया है। मुख्यमंत्री ने औद्योगिक इकाइयों के शेष कार्मिकों के वेतन का जल्द से जल्द भुगतान कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निजी औद्योगिक इकाइयों एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों के स्वामियों से आह्वान किया कि वे इस आपदा में मानवीयता एवं संवेदना का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपने कर्मियों की पूरी मदद करें।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गरीबों के हितों के प्रति संवेदनशील है। इसके तहत 30 मार्च, 2020 को 27.15 लाख मनरेगा श्रमिकों को देय 611 करोड़ रुपए उनके खातों में ऑनलाइन हस्तांतरित किए गए। इसी प्रकार 3 अप्रैल, 2020 को वृद्धावस्था, निराश्रित महिला, दिव्यांगजन तथा कुष्ठावस्था पेंशन के 86.71 लाख लाभार्थियों को दो माह की अग्रिम पेंशन की कुल 871.48 करोड़ रुपए की धनराशि ऑनलाइन भेजी गई।

प्रदेश में गंभीर रोगियों को वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी न हो

मुख्यमंत्री ने कोविड-19 से बचाव और संक्रमण के उपचार हेतु किए गये प्रबन्धों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इस रोग के गम्भीर मरीजों के लिए वेन्टिलेटर और ऑक्सीजन की व्यवस्था अवश्य सुनिश्चित की जाए। डॉक्टरों सहित सभी चिकित्साकर्मियों के संक्रमण से बचाव के समुचित प्रबन्ध किए जाएं. पीपीई तथा एन-95 मास्क की सुचारु व नियमित आपूर्ति चेन बनायी रखी जाए। सरकारी एवं निजी अस्पतालों में इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन स्टाफ के कोविड नियंत्रण प्रशिक्षण एवं सुरक्षा उपाय के पश्चात ही किया जाए।

अलग-अलग काम के लिए डीएम बनाएं अलग टीमें

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जनपद स्तर पर कोविड-19 के बचाव, उपचार व नियंत्रण कार्यों का प्रभावी पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने कहा कि लॉक डाउन अवधि में कार्यों के सुचारु सम्पादन के लिए प्रत्येक जिलाधिकारी पृथक-पृथक टीम गठित करें।

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मुख्यमंत्री ने कम्युनिटी किचन व्यवस्था की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण से प्रभावित रहे प्रदेश के कुछ जनपद अब संक्रमण मुक्त हो गये हैं। इसके बावजूद वहां सभी सावधानियां बरती जाएं। इन जनपदों में लॉक डाउन व्यवस्था यथावत जारी रहेगी, इसमें कोई छूट न प्रदान की जाए।

नोडल अधिकारी दूसरे राज्यों में रह रहे यूपीवासियों से बनाए रखें संपर्क

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्य राज्यों में रह रहे उत्तर प्रदेश वासियों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्य सचिव, केन्द्रीय गृह सचिव तथा अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ सम्पर्क व संवाद बनाए रखें। इसके अलावा, प्रदेश सरकार द्वारा नामित नोडल अधिकारियों से नियमित फीडबैक प्राप्त किया जाए। प्रदेश में अध्ययनरत विदेशी विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए नामित नोडल अधिकारी इन छात्र-छात्राओं के सम्पर्क में रहते हुए इनकी कुशल-क्षेम से सम्बन्धित दूतावास को अवगत कराते रहें।

हॉट स्पॉट क्षेत्र में मंडी है तो उसे शिफ्ट करें

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाहर से आये लोगों के बारे में जिस स्थान पर जानकारी प्राप्त हो, ऐसे लोगों को वहीं क्वारंटीन किया जाए। हॉट स्पॉट क्षेत्र में यदि कोई मण्डी है तो उसे तत्काल शिफ्ट करें। मण्डियों के संचालन की रणनीति स्थानीय स्तर पर जिलाधिकारी, पुलिस एवं मण्डी के अधिकारियों द्वारा तय की जाए। मण्डियों के संचालन में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन किया जाए।

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इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आरके तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल एवं संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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