उत्तर प्रदेशलखीमपुर खीरी

लखीमपुर खीरी हिंसा मामला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, अजय मिश्र टेनी- डिप्‍टी CM केशव प्रसाद मौर्या के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग

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लखीमपुर खीरी हिंसा मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. एक जनहित याचिका दाखिल कर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की गई है. याचिका में गृहराज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी और डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्या के खिलाफ IPC की धारा 302, 34, 149 के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है. याचिका में कहा कि अजय मिश्र टेनी ने लखीमपुर खीरी घटना के 4 दिन पहले ही किसानों को घमकी दी थी. याचिका में ये भी कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना को एक सोची समझी साज़िश के तहत अंजाम दिया गया.

दरअसल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में चार किसानों को एक एसयूवी कार द्वारा कथित तौर पर कुचल दिया गया था, जब वे एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे. कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी मौजूद थे. किसानों का आरोप है कि एसयूवी अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था. आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है और अब केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की जा रही हैं क्योंकि वह भी इस मामले में आरोपी हैं.

विपक्ष का विरोध जारी

अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी मांग को लेकर विपक्ष ने मंगलवार को फिर पैदल मार्च निकाला. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम ने किसानों से माफी मांग ली है, लेकिन अपने मंत्री को नहीं हटा रहे हैं. तो वहीं शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि राहुल और प्रियंका का आभार, अगर इन दोनों ने ये मुद्दा नहीं उठाया होता तो उसी रात इसको रफा दफा कर दिया होता. वहीं राहुल गांधी ने अजय मिश्र को निशाने पर लेते हुए कहा कि हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे, आज नहीं तो कल उन्हें जेल भेजा ही जाएगा.

बता दें, लखीमपुर कांड में SIT की रिपोर्ट आने के बाद अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. अब मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत सभी 13 आरोपियों के मुकदमे में 307, 326, 302, 120B जैसी धाराएं जुड़ गई हैं. ऐसे में विपक्ष की दलील है कि केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी पद का दुरुपयोग कर बेटे को बचाने की कोशिश कर सकते हैं. विपक्ष का ये भी आरोप है कि पद का दुरुपयोग कर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जांच को प्रभावित कर सकते हैं.

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