बीएसपी में अब दलबदलुओं और दूसरे दलों के बागियों की No Entry, मायावती का ऐलान

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने नया प्लान बनाया है. इस प्लान के तहत बीएसपी दूसरे दलों से आने वाले नेताओं और बागियों से परहेज करेगी. इसके लिए मायावती ने पार्टी नेताओं को निर्देश दिए हैं कि वे दूसरे दलों के विधायकों और टिकट कटने वालों को बीएसपी का टिकट देने से परहेज करें. इसके लिए मायावती ने ट्विट कर नेताओं को निर्देश दिए हैं. हालांकि पिछले दिनों ही बीएसपी के छह विधायकों ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया थ.
दरअसल, मायावती का ये बयान उस वक्त आया है. जब पार्टी के ज्यादातर नेता दूसरे दलों में जा रहे हैं और बीएसपी को कमजोर बता रहे हैं. वहीं राज्य में बीएसपी प्रमुख के ऐलान के बाद ये तय हो गया है कि बीएसपी में अब दल बदलुओं की एंट्री नहीं होगी. मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा कि बीएसपी के नेताओं के अगर टिकट काटे जाते हैं तो उन्हें पार्टी के दूसरे विधायकों और अन्य लोगों के टिकट देने से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी के लोगों को ज्यादा टिकट देने पर जोर देना चाहिए. यानी मायावती का साफ संदेश है कि पार्टी को अपने कैडर के नेताओं को टिकट देना चाहिए.
मायावती का दावा-एसपी के नाराज नेता हैं बीएसपी के संपर्क में
वहीं एसपी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि बीएसपी और अन्य विपक्षी दलों के निष्कासित नेताओं को पार्टी में में शामिल करने से समाजवादी पार्टी का समर्थन आधार नहीं बढ़ने वाला है, बल्कि यह और कमजोर होगा। उन्होंने यह भी लिखा कि एसपी को पता होना चाहिए कि ऐसे स्वार्थी और दलबदल किस्म के नेताओं को लेकर उनकी पार्टी के नेता ही नाराज हैं और ज्यादातर नेता बीएसपी के संपर्क में हैं.
3. लेकिन बी.एस.पी. के लोग ऐसे में दूसरी पार्टियों के विधायकों व अन्य लोगों के टिकट कटने पर उन्हें अपनी पार्टी से टिकट दिलवाने से ज़रूर परहेज़ करें तथा उनके स्थान पर अपनी पार्टी के लोगों को ही टिकट देने पर ज्यादा ज़ोर दें तो यह उचित होगा। 3/3
— Mayawati (@Mayawati) November 7, 2021
एसपी के साथ चुनावी गठबंधन कर चुकी है बीएसपी
फिलहाल बीएसपी एसपी को लेकर ज्यादा आक्रामक है. क्योंकि बीएसपी के ज्यादातर विधायकों ने एसपी का ही दामन थामा है. लिहाजा मायावती बीएसपी विधायकों को पार्टी में शामिल कराने को लेकर एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साध रही हैं. जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी एसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ चुकी हैं. इस चुनाव में बीएसपी ने दस सीटें जीती थी जबकि एसपी पांच ही सीट जीत सकी थी. इसके बाद मायावती ने एसपी के साथ अपने चुनाव गठबंधन को खत्म कर दिया था. जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी का यूपी में खाता भी नहीं खुला था.