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कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी को राजनीती छोड़ ये काम करने की दी सलाह, जान के हो जाएंगे हैरान

इंदौरः कैलाश विजयवर्गीय ने मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित अपने आवास पर रविवार को ममता सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था और ममता सरकार पर मरीजों के आंकड़े छिपाने और केंद्र द्वारा गरीबों के लिए भेजी जी रही मदद को उन तक नहीं पहुंचने देने का गंभीर आरोप लगया था.

देश में तेजी से फैल रही कोरोना महामारी के बीच पश्चिम बंगाल में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच तकरार जारी है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक कैलाश विजयवर्गीय ने सीएम ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा है कि ममता जी को मेरी खुली चिट्ठी. उनकी सरकार प्रदेश में कोरोना महामारी के खिलाफ ठीक से लड़ाई लड़ने में असफल रही हैं. उन्हें डाटा को छिपाना नहीं चाहिए, बल्कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट करना चाहिए और तुष्टिकरण की राजनीति छोड़कर पश्चिम बंगाल को बचाने की दिशा में काम करना चाहिए.

इससे पहले कैलाश विजयवर्गीय ने मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित अपने आवास पर रविवार को ममता सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था और ममता सरकार पर मरीजों के आंकड़े छिपाने और केंद्र द्वारा गरीबों के लिए भेजी जी रही मदद को उन तक नहीं पहुंचने देने का गंभीर आरोप लगया था.

बता दें, रविवार को पार्टी के सांसदों ने दिल्ली से लेकर बंगाल तक प्रदर्शन किया था. बीजेपी का आरोप है कि ममता सरकार केंद्र के दिशा-निर्देशों को न तो मान रही है और न ही मौत के सही आंकड़े बता रही है. बीजेपी का कहना है कि कोरोना से लड़ाई के बीच बंगाल में कुव्यवस्था फैली हुई है. वहीं, ममता बनर्जी दावा कर रही हैं कि उन्हें राशन की बजाय भाषण मिल रहा है.

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सीएम ममता ने कहा, हम राशन में भाषण प्राप्त कर रहे हैं. हम कोरोना से लड़ाई में बहुत ज्यादा खर्च कर रहे हैं. 5 लाख पीपीई से लेकर वेंटिलेटर के लिए हम खर्च कर रहे हैं. इतना पैसा कहां से आएगा. हम प्रति माह 5000 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं. यह बहुत बड़ी रकम है. हर रोज एक कई चुनौती है. हम गरीब सरकार हैं. हम सिर्फ खर्च कर रहे, कमाई कुछ भी नहीं है. हम लोगों को केंद्र से कुछ नहीं मिल रहा है.

सीएम ने कहा, हमने एक चिकित्सा अधिकारी को भी खो दिया. हमने बीमा के रूप में 10 लाख दिए हैं और साथ ही हम परिवारों की देखभाल करने की कोशिश कर रहे हैं. अगर जरूरत होगी तो हम बेटों में से एक को नौकरी भी देंगे.

उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार कहती है कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो, तो वहीं दूसरी तरफ दुकानें खोलने को कहती है. अगर हम दुकान खोलेंगे, तो लॉकडाउन का पालन कैसे होगा. सीएम ममता ने कहा, एक समय में दोनों बातें कैसे हो सकती हैं कि मैं दुकान खोलने की अनुमति भी दे दूं और फिर लोगों से कहूं कि दुकान पर ना जाएं.

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सीएम ममता ने कहा, राज्य में रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन हैं. हमें यह समझना होगा कि वे बदलते रहेंगे, इसलिए हम अगले फैसले का इंतजार कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि केंद्र पत्र भेजने के बजाय स्पष्टता देगा. सीएम ने कहा, राज्य सरकार कार्यान्वयन प्राधिकरण है. जब हम काम करते हैं तो हमें सराहना नहीं मिलती है, लेकिन ऐसे बहुत हैं जो केवल हमारी आलोचना करने के इंतजार में रहते हैं.

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