चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस में अब सब ठीक होता दिख रहा है। हालांकि, मामला अभी कई स्थानों पर अटकता भी दिख रहा है। 28 सितंबर को अचानक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर उन्होंने हर किसी को चौंका दिया था। सिद्धू के कारण कांग्रेस को सीनियर नेता व पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह खोना पड़ा है। ऐसे में उनके इस्तीफे के बाद सियासी हंगामा भी मचा। हालांकि, अब उन्होंने इस्तीफा वापस लेने की घोषणा कर दी है।
कांग्रेस आलाकमान की ओर से सिद्धू के इस्तीफे को स्वीकार न कर पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को मामला सुलझाने का निर्देश दिया गया। सिद्धू की सबसे बड़ी नाराजगी सीएम चन्नी द्वारा एडवोकेट जनरल के पद पर वरिष्ठ वकील एपीएस दयोल की नियुक्ति थी। नवजोत सिंह सिद्धू उनका विरोध कर रहे थे। ऐसे में सीएम चन्नी ने उनकी बात न मान अपने स्तर पर निर्णय ले लिया। यही उनके नाराजगी का कारण बना।
खुद को बताया कांग्रेस अध्यक्ष, राहुल व प्रियंका का सिपाही
नवजोत सिद्धू ने शुक्रवार को खुद को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी का सिपाही बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष, राहुल और प्रियंका जी के इस सिपाही ने इस्तीफा वापस ले लिया है। हालांकि, अभी वे कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यभार नहीं संभालेंगे। इसके कारणों का भी खुलासा नवजोत सिद्धू ने किया।
नया पैनल आने पर संभालेंगे कार्यभार
नवजोत सिद्धू ने अपना इस्तीफा लेने के साथ ही पार्टी में अपनी महत्ता को भी समझाने की कोशिश की है। उन्होंने सरकार पर दबाव बनाए रखा है। सिद्धू ने कहा कि प्रदेश में जिस दिन नए एडवोकेट जनरल बनेंगे और नया पैनल आ जाएगा, मैं उस दिन ऑफिस जाकर अपना कार्यभार संभालूंगा। साफ है कि सिद्धू नए एजी की नियुक्ति व पैनल में अपना दखल चाहते हैं। इससे अब पंजाब सरकार पर दबाव बनना तय है। वहीं, विपक्षी पार्टियों के लिए भी मुद्दा मिलेगा।