अयोध्याउत्तर प्रदेशताज़ा ख़बर

अयोध्या के राम नाम अंकित वृक्ष का हो संरक्षण: विहिप

अयोध्या। अयोध्या में श्रीराम नाम अंकित दुर्लभ वृक्ष के संरक्षण की मांग विश्व हिन्दू परिषद व संत समाज ने उठाई है। संतों ने कहा कि स्वत: प्रकट यह वृक्ष देव प्रदत्त है। इस दर्शनीय और आलौकिक वृक्ष को सरकार सुरक्षित और संरक्षित करें। आज इस वृक्ष को रामनामी भी ओढ़ायी गई है। विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया, श्रीराम नगरी से सटे ग्रामीण क्षेत्र भीखी का पुरवा से कुछ दूरी पर गोरखपुर-अयोध्या हाईवे पर मुख्य मार्ग से किनारे मौजूद गांव तकपुरा पूरे निरंकार के एक खेत में यह वृक्ष खड़ा है। आस-पास के लोग इसे रामनाम वृक्ष कहकर पुकारते हैं। कदम प्रजाति के इस वृक्ष की जड़ और डालियों पर भगवान ‘राम’ का नाम प्रतीक रूप से अंकित है। समय के साथ-साथ राम नाम की संख्या इसमें बढ़ती ही जा रही है।

उन्होंने बताया कि यहां स्थानीय लोगों के अनुसार, दशकों पहले इस वृक्ष पर भगवान राम का नाम लिखा हुआ देखा गया। धीरे-धीरे इसकी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। शर्मा ने बताया कि आज से करीब तीस वर्ष पूर्व ऐसा ही एक वृक्ष प्राचीन एवं ऐतिहासिक मणि पर्वत के समीप था जो सूख गया। उसके सूखने के उपरांत उसी प्रकार का यह वृक्ष स्वत: प्रकट हुआ है जिसके दर्शनार्थ रामभक्त यहां नित्य आते हैं। इस समय कोरोना महामारी के दौरान जनपद को लॉकडाउन किए जाने के पश्चात बाहरी दर्शनार्थी नहीं आ पा रहे हैं। यहां एक मेला भी लगता है।

विहिप प्रवक्ता ने बताया कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से वृक्ष के संबंध मे चर्चा की गई तो उन्होंने इसे प्रभु प्रदत्त चमत्कार बताया और कहा कि भारत की वसुंधरा अनेक चमत्कारों से परिपूर्ण है। अयोध्या तो साक्षात देव नगरी है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की समाप्ति के बाद ऐसे अद्भुत वृक्ष का दर्शन करने वे अयोध्या आएंगे। इस दुर्लभ वृक्ष को संरक्षित किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा, “इस दुर्लभ वृक्ष का प्रकटीकरण समस्त अयोध्यावासियों के लिए शुभ और आश्चर्यचकित करने वाला है।

उन्होंने कहा कलिकाल में श्रीराम नाम ही समस्त जगत का कल्याण करेगा, यह तो साक्षात भगवत कृपा है। इसकी पूजा-अर्चना नित्य चलती रहनी चाहिए। साथ ही भक्तों के दर्शनार्थ इसका व्यापक प्रचार- प्रसार भी होना चाहिए।” रूसदन गोलाघाट के महंत सियाकिशोरी शरण महाराज ने राम-नाम वृक्ष को साक्षात भगवान का स्वरूप बताया और कहा कि अयोध्या की पवित्र भूमि के हर कण में प्रभु का वास है। यह दिव्य दर्शनीय वृक्ष अयोध्या के लिए गौरव है। विहिप केन्द्रीय प्रबंध समिति सदस्य पुरुषोत्तम नारायण सिंह ने ऐसे दुर्लभ वृक्ष की उपस्थित को कल्याणकारी और मंगलकारक बताया और कहा जो लोग भगवान राम को काल्पनिक बताते रहे हैं, उन्हे यहां आकर इस दिव्य वृक्ष के दर्शन करने चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button