आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज में कैंसर की मरीज का पैर चूहे ने कुतरा, नहीं मिला उपचार

आगरा। एसएन मेडिकल कालेज में कैंसर पीड़िता का पैर चूहे कुतर गए। बदतर यह कि महिला की कीमोथेरेपी भी नहीं हो सकी। और अस्पताल ने महिला को डिस्चार्ज भी कर दिया। मंगलवार को पति ने रोते हुए अपनी बेबसी का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। लोहामंडी के सर्राफा कारोबारी इंद्र खंडेलवाल की पत्नी साक्षी खंडेलवाल को करीब 10 महीने पहले कैंसर का पता चला था। न्यू आगरा के एक डाक्टर के यहां उनका इलाज चल रहा है। 28 अप्रैल को पत्नी की तबीयत बिगड़ी तो इंद्र खंडेलवाल उन्हें लेकर डाक्टर के पास गए। न्यू आगरा क्लीनिक पर 500 रुपए परामर्श शुल्क जमा करा दिया।
डाक्टर आए नहीं बल्कि फोन पर दूसरे अस्पताल जाने को कह दिया। आखिरकार उन्होंने पत्नी को एसएन मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया। इंद्र के मुताबिक, यहां कोविड टेस्ट की रिपोर्ट के इंतजार में दो दिन गुजर गए। इसके दो दिन बाद आक्सीजन लगाई गई। शुक्रवार को रेडियोथेरेपी की गई। जबकि उन्हें अधिक उपचार की जरूरत थी। मंगलवार सुबह उन्होंने बेड पर लेटी पत्नी के पैर से खून निकलते देखा तो चादर हटाई। नजारा देख दंग रह गए। साक्षी का पैर चूहों ने कुतर दिया था। पैर से निकला खून थक्के बनकर जम गया था।
इंद्र खंडेलवाल, सर्राफा कारोबारी ने बताया कि मैं अपनी पत्नी का इलाज एसएन में लाया था। यहां चूहों ने पैर कुतर दिया है। पत्नी को घर ले आया हूं। सबकुछ भगवान पर छोड़ दिया है। वहीं डा. जीके अनेजा, प्राचार्य एसएनएमसी का कहना है कि कैंसर विशेषज्ञ डा. सुरभि मित्तल से बात हुई है। समझ नहीं आ रहा कि खून निकलने पर उनके परिवार या ड्यूटी पर तैनात अटेंडेट को पता क्यों नहीं चला। खून गाढ़ा था। ड्यूटी कर्मियों ने उसे साफ करके टैटबैक का इंजेक्शन भी लगाया है। एक रेडियोथेरेपी हो गई थी। दूसरी की तारीख दे दी गई थी। उनका इलाज अच्छी तरह से चल रहा था। खून कैसे निकला यह जांच का विषय है।
बाहर से बाम लाकर खुद बांधी पट्टी
इंद्र ने बताया कि वह खूब चीखे चिल्लाए लेकिन किसी ने उनकी पत्नी के पैर का इलाज नहीं किया। वे बाजार गए और मेडिकल स्टोर से दवा लेकर आए। खुद पत्नी के पैर में पट्टी बांधकर खून का रिसाव रोका। पति ने रोते हुए कहा कि निजी डाक्टर ने पहले ही दुत्कार दिया था, सरकारी का भी हस्र देख लिया। इंद्र ने बताया कि इसके बाद उनकी पत्नी को डिस्चार्ज कर दिया गया।
विधायक के कहने पर किया था भर्ती
सराफा कारोबारी ने बताया कि उन्होंने साक्षी को एक विधायक की सिफारिश पर भर्ती कराया था। मगर अस्पताल ने इसका भी मान नहीं रखा। उल्टा यहां चूहों ने उनकी पत्नी का पैर कुतर दिया।
इससे शर्मनाक और क्या होगा : शबाना
कांग्रेस की प्रदेश महासचिव शबाना खंडेलवाल ने इस घटना पर कहा है कि इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है। मरीजों को न निजी अस्पताल में उपचार मिल रहा है और न ही सरकारी में। आखिर लोग कहां जाएं? सरकार क्या कर रही है?