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आत्मनिर्भर भारत पैकेज की चौथी किस्त आज, निर्मला सीतारमण 4 बजे करेंगी ऐलान

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज फिर राहतों का पिटारा खोलने जा रही हैं। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत पीएम मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की यह चौथी किस्त होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को खेती और इससे जुड़ी गतिविधियों को लेकर 11 अहम कदमों के ऐलान किए थे। इससे पहले वह एमएसएमई सेक्टर, टैक्सपेयर्स, सैलरीड क्लास, फेरीवाले और प्रवासी मजदूरों के लिए अहम घोषणाएं कर चुकी हैं।

आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की तीसरी किस्त में शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिये 1.63 लाख करोड़ रुपये के विभिन्न उपायों की घोषणा की। उन्होंने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करने और अनाज, दाल, खाद्य तेल, तिलहन, आलू, प्याज जैसी रोजमर्रा के उपभोग वाली वस्तुओं को इस कानून के दायरे से मुक्त करने की भी घोषणा की। इससे किसानों को अपनी उपज को अपनी पसंद के बाजार में बेचने की सुविधा मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कोरोना वायरस से शिथिल पड़ी अर्थव्यवस्था में जान फुंकने के लिए कुल 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी। यह राशि देश की जीडीपी का 10 प्रतिशत के करीब बैठती है। इसमें उस सहायता पैकेज की 1.70 लाख करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है जिसकी घोषणा 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू करने के कुछ ही दिन में कर दी गई थी।

इसके बाद रिजर्व बैंक ने भी विभिन्न मौद्रिक उपायों के जरिये करीब 5.6 लाख करोड़ रुपये के मौद्रिक प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की। इसके बाद बुधवार और गुरुवार को 9.10 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहना पैकेज की घोषणा की गई जिसमें किसानों को सस्ता कर्ज, एनबीएफसी को नकदी और बिजली वितरण कंपनियों को संकट से उबारने के लिये सहायता की घोषणा की गई। शुक्रवार को करीब 1.63 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया गया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पहले चरण में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को मजबूती देने के लिए करीब 6 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की। वित्त मंत्री ने एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव, ढ़ांचा गत और आवास क्षेत्र की परियोजनाओं को पुरा करने लिए ठेकेदारों और डेवलपर को बिना हर्जाने के छह माह का अतिरिक्त समय देने, टीडीएस और टीसीएस कटौती की दर में चौथाई कमी करने, आयकर रिटर्न जमा करने का समय नवंबर तक बढ़ाने , ईपीएफओ अंशदान में सहूलियत की भी घोषणा की। एमएसएमई क्षेत्र के लिए बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने और गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को और अधिक नकदी उपलब्ध कराने के उपाय जैसी कई घोषणाएं की गई थीं।

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