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कुशीनगर: रहस्यमयी पक्षी मिलने से हड़कंप, शरीर पर लगा है जीपीएस और टैग

कुशीनगर। यूपी के कुशीनगर जिले में शुक्रवार को बरवापट्टी थाना क्षेत्र के बकुलहवा गांव में गन्ने के खेत में एक विलुप्त प्राय गिद्ध घायलावस्था में पाया गया। उसके दोनों पंखों में C3 टैग और जीपीएस चिप लगा था। गिद्ध मिलने की सूचना मिलते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी और तरह-तरह की अफवाह उड़ने लगी। सूचना पर वन विभाग और पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और गिद्ध को अपने कब्जे में ले लिया। वन विभाग के मुताबिक, गिद्ध को चोट लगी है या फिर वह बीमार है। उसकी जांच की जा रही है।

लोकेशन ट्रेस करने के लिए लगता है चिप

तमकुही रेंज के फॉरेस्ट ऑफिसर नृपेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि यह विलुप्त प्राय गिद्ध पक्षी है। किसी शोध संस्था ने उसके पंखों पर अपना कोडिंग और लोकेशन ट्रेस करने के लिए चिप लगाया होगा। विलुप्त हो रहे पशु पक्षियों के अस्तित्व को जानने के लिए टैगिंग किया जाता है। हालांकि अभी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। मगर गिद्ध के पंखों में लगे चिप के माध्यम से सारी जानकारी मिल जाएगी। गिद्ध के लिए मांसाहारी भोजन का प्रबंध किया जा रहा है। पिछले साल वन विभाग ने महराजगंज में गिद्धों की गिनती और टैगिंग कराई थी।

चितवन नेपाल बर्ड कंजर्वेशन नेपाल से आया है। वहां मुंबई की बीएनएचएस के कोलैबोरेशन से वल्चर ब्रीडिंग सेंटर में काम चल रहा है। इसे को नवंबर-2019 में छोड़ा गया था। नवंबर से ट्रैकिंग की जा रही है। रिसर्च चल रहा है। इसे यहां ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। स्वस्थ होने पर छोड़ा जाएगा।
वीसी ब्रह्मा, डीएफओ

महराजगंज का हो सकता है गिद्ध

बता दें कि महराजगंज के फरेंदा में प्रदेश का पहला जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र भी स्‍थापित किया जा रहा है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि यह गिद्ध महराजगंज का हो सकता है। वन विभाग के मुताबिक गिद्धों की कौन सी प्रजाति खतरे में है। इसका सर्वेक्षण भी चलाया जा रहा है। इसके लिए मैपिंग तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। ताकि इनकी सही संख्या और दिनचर्या का पता लग सके।

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