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पीएम मोदी के सपने को पूरा करने के लिए इन दो सरकारी कंपनियों ने मिलाया हाथ, भारत होगा और ज्यादा ‘ग्रीन’

Renewable energy को लेकर सरकार के बड़े सपने हैं और इस सपना को पूरा करने के लिए दो सरकारी कंपनी NTPC और Indian Oil ने हाथ मिलाया है. सरकार ने 2070 तक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को नेट आधार पर शून्य करने का फैसला किया है. ऐसे में इस मिशन को पूरा करने के लिए देश की दो बड़ी और प्रमुख उर्जा कंपनियों ने आपस में गठजोड़ का फैसला किया है.

NTPC और Indian Oil ने आपस में एक MoU पर साइन किया है. इसके मुताबिक, रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर दोनों कंपनी मिलकर काम करेगी और कोयले पर निर्भरता को ज्यादा से ज्यादा घटाएगी. यह समझौता एनटीपीसी के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर गुरदीप सिंह और इंडियन ऑयल के चेयरमैन श्रीकांत महादेव वैद्य की उपस्थिति में किया गया है. एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी की दिशा में तेजी से काम कर रहा है. कंपनी का लक्ष्य है कि 2032 तक उसका रिन्यूएबल एनर्जी पोर्टफोलियो फॉसिल्स फ्यूल पोर्टफोलियो के मुकाबले ज्यादा होगा.

67,657.5 मेगावॉट की कैपेसिटी

NTPC इस समय देश की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड एनर्जी कंपनी है. इसकी इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 67,657.5 मेगावॉट है. इसमें 13,425 मेगावॉट ज्वाइंट वेंचर और सब्सिडियरी कंपनी की मदद से है. एनटीपीसी का 47 पावर स्टेशन्स हैं. कंपनी की योजना 2032 तक रिन्यूएबल एनर्जी से 60 गीगावाट उर्जा उत्पादन की है. यह कंपनी के ओवरऑल एनर्जी जेनरेटिंग कैपेसिटी का 45 फीसदी होगा.

गौतम अडाणी करेंगे 5 लाख करोड़ का निवेश

इधर देश को ग्रीन एनर्जी के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से बिलिनेयर गौतम अडाणी ने अगले दस सालों के लिए 70 बिलियन डॉलर यानी 5 लाख करोड़ से ज्यादा का मेगा प्लान तैयार किया है. गौतम अडाणी ने कहा कि अडाणी ग्रुप दुनिया की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी होगी. यह कंपनी दुनिया में सबसे कम कीमत पर हाइड्रोजन पैदा करेगी. इसके लिए ग्रुप अगले 10 सालों में 70 बिलियन डॉलर का भारी भरकम निवेश करेगी. अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) इस समय दुनिया की सबसे बड़ी सोलर पावर डेवलपर है. कंपनी का लक्ष्य 2030 तक 45 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी पैदा करने की है. इसके अलावा 2022-23 तक कंपनी हर साल 2 गीगावाट सोलर एनर्जी पैदा करने के लिए क्षमता पर 2 अरब डॉलर का निवेश करेगी.

क्या है पीएम मोदी का सपना?

ग्लास्गो में आयोजित जलवायु सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत 2070 तक नेट जीरो कार्बन इमिशन वाला देश बन जाएगा. इसके अलावा 2030 तक के लिए भी कई और लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. भारत 2030 तक कम कार्बन उत्सर्जन वाली अपनी विद्युत क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाने और 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत पूरा करने का लक्ष्य बना रहा है.

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