नियम को ताक पर रखकर घनी बस्तियों में खोल दी शराब की दुकान

- शादाब सिद्दीकी
- कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा रहे गली मोहल्लों में खुले शराब के ठेके
लखनऊ। शराब की दुकानों के लिए सरकार ने शर्तों और नियमों के साथ खोलने का आदेश दिया था, लेकिन पुलिस और प्रशासन के ढीले रवैये के चलते स्टैंड अलोन के अलावा भी बाजारों और बस्तियों में शराब की दुकानों को खोल दिया गया है। अब ऐसे में कोरोना वायरस मरीजों के मिलने का सिलसिला और तेज हो गया है। बुधवार को हसनगंज के खदरा में एक मिठाई दुकानदार में कोरोना संक्रमण की पुष्टि पाई गई है। खास बात है कि उसकी दुकान से चंद कदम की दूरी पर ही देसी शराब का ठेका घनी बस्ती में खुला हुआ है।
बताया जा रहा है मिठाई दुकानदार इसी ठेके पर जाता था जिसके बाद कोरोना की पुष्टि पाई गई। इस तरह का ये एकलौता ठेका नही है जिसे गली और घर मे बनी दुकान में खोला गया हो, अलीगंज के साठ फिट रोड हो जानकीपुरम विस्तार, ऐसे कई इलाके हैं जहां इस तरह की शराब की दुकानों को खोल दिया गया हैं जबकि शासन की तरफ से जारी निर्देश में सख्ती से कहा गया था कि सिर्फ स्टैंड अलोन और मुख्य मार्गो पर बनी दुकानों को ही खोला जाएगा। खास बात है कि पुलिस अधिकारियों की नाक के नीचे खुलने वाली इन दुकानो को किसके आदेश पर खोला गया और सवाल पूछे जाने के बाद भी अधिकारी अपनी आंखें अभी तक क्यों मूंदे हुए हैं।
सिर्फ हॉटस्पॉट एरिया में शराब की दुकान नही खुल सकती है।इसके अलावा लॉक डाउन में घनी बस्ती में दुकान ना खुलने का कोई आदेश नही है। इसके अलावा रजिस्टर्ड स्कूल या कॉलेज या मंदिर या मस्जिद से 50 मीटर की दूरी पर खोल सकते हैं।
सुदर्शन सिंह, आबकारी अधिकारी
गली मोहल्लों में खुले शराब ठेके पर अक्सर नशेड़ी आम लोगों के के साथ मारपीट करते हैं। इसकी शिकायत कई बार की जा चुकी है। कुछ समय तक ठेका बंद भी रहा लेकिन कोरोना जैसी महामारी में खोल दिया गया। अब ऐसे ठेके भी कोरोना संक्रमण को फैलने का बड़ा कारण बन रहे हैं।
मुसव्विर अली मंशू, पार्षद अयोध्या दास वार्ड
लॉक डाउन में शराब ठेके खोलने की नियमावली आबकारी विभाग के द्वारा लागू की जा रही है। पुलिस सिर्फ खुले ठेकों पर सोशल डिस्टनसिंग का पालन करा सकती है। कौन सी दुकान खुलनी और कौन सी दुकान बंद रहेगी इसमें पुलिस की कोई भूमिका नही है।
राजेश श्रीवास्तव, एडीसीपी उत्तरी