बागपत: जेल में बंदी की हत्या, यही मारा गया था मुन्ना बजरंगी

बागपत। बागपत जेल प्रशासन अभी पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की जांच से बरी भी नहीं हो पाया कि शनिवार को फिर जेल में बंदियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में बसी गांव के एक बंदी को मौत के घाट उतार दिया गया। हमले में उसका साथी भी घायसल है। डीएम और एसपी जेल में घटना की जानकारी जुटाने में लगे हैं। बसी गांव में गत 16 अप्रैल की शाम पूर्व प्रधान ओमपाल सिंह की कार पर गोलियां बरसाई गई थीं। कार में ओमपाल का पुत्र और दो भतीजे भी सवार थे।
ओमपाल सिंह के पेट में गोली लगी थी, उनका पुत्र और दोनों भतीजे गोलियों के छर्रे लगने से घायल हो गए थे। इसी मामले में 17 अप्रैल को पुलिस ने आरोपी ऋषिपाल उसके पिता और उसके साथी अमित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। शनिवार की दोपहर जेल में एक बंदी से ऋषिपाल की कहासुनी हुई। आरोप है कि बंदी जमीन में दबा मोबाइल चार्जर निकाल रहा था, पूछने पर आरोपी बंदी बबलू ने उससे गाली-गलौज की थी। उस समय अधिकारियों ने दोनों को समझाबुझा कर शांत करा दिया था।
बाद में कुछ बंदियों ने ऋषिपाल पर स्टील की प्लेट और चम्मच से बनाई गई छुरी से हमला बोल दिया। जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसके बचाव में आए अमित को भी हमलावरों ने घायल कर दिया। सूचना मिलते ही जेल के साथ जिले के पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। जेल प्रशासन ने तुरंत ही ऋषिपाल और अमित को बागपत जिला अस्पताल भिजवा दिया। वहां चिकित्सकों ने ऋषिपाल को मृत घोषित कर दिया।
डीआईजी मेरठ जोन ने बताया कि ऋषिपाल की हत्या खाना खाने की चम्मचों और स्टील की प्लेटों को छूरी नुमा काटकर की गई। डीएम शकुंतला गौतम और पुलिस अधीक्षक प्रताप गोपेंद्र यादव जेल में घटना की जानकारी लेने में लगे हैं। अभी तक घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। इसी जेल में करीब दो वर्ष पहले पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की भी हत्या हो चुकी है। आनंद कुमार, डीजी जेल ने बताया कि डीआईजी जेल लव कुमार को जांच के लिए तत्काल मौके पर भेजा जा रहा है। जांच की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।