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मुम्बई से आए 7 श्रमिकों समेत 10 लोगों में कोरोना की पुष्टि

लखनऊ। राजधानी समेत पूरे प्रदेश में बाहर से आने वाले श्रमिक स्वास्थ्य विभाग का सरदर्द बढ़ा रहे हैं। शनिवार को मुम्बई से आए सात श्रमिकों सहित 10 लोगों में कोरोना की पुष्टि की गयी। इसके अतिरिक्त कोरोना से ठीक हुए 15 मरीजों को डिस्चार्ज भी किया गया। गोमतीनगर के विरामखंड और कैसरबाग में कोरोना संक्रमण से मुक्ति के लिए स्क्रीनिंग अभियान भी चलाया गया। बता दें कि कोरोना का संदिग्ध मरीज मानकर 211 लोगों के नमूने लिए गये हैं। अभी तक 297 लोगों में कोरोना की पुष्टि की जा चुकी है, इनमें राजधानी में अब तक कुल 227 लोगों को कोरोना से ठीक होने पर छुट्टी दी जा चुकी है।

आपको बता दें कि, स्वास्थ्य विभाग ने दस मरीजों में कोरोना की पुष्टि की, इसमें कैन्ट इलाके से दो महिलाओं में कोरोना की पुष्टि की गयी। इस इलाके में बड़ी संख्या में लोग कोरोना से संक्रमति हो चुके हैं। कोरोना पुष्टि होने पर इन्हें स्वास्थ्य विभाग की टीम ने केजीएमयू में भर्ती कराया है। इसके अलावा किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के क्वीनमेरी अस्पताल में भर्ती एक महिला में कोरोना की पुष्टि की गयी है। यह महिला काकोरी इलाके की रहने वाली है। क्वीनमेरी में पहला कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आया।

इसके अलावा राजधानी में प्रवासी मजदूरों का शहर आना जारी है। ऐसे में सभी को क्वारंटीन कराया जा रहा है और सीएमओ की टीम ने क्वारंटीन सेंटर से सैम्पल जांच के लिए भेजती है। शनिवार की रिपोर्ट में मुम्बई से आए सात श्रमिक कोरोना संक्रमति मिले, इनमें तीन काकोरी, दो बक्शी का तालाब, एक निगोहां और एक नगराम का रहने वाला है। इनको स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दो अलग अस्पतालों में भर्ती कराया है। छह को लोकबंधु राजनारायण अस्पताल और एक मरीज को बक्शी का तालाब स्थित राम सागार मिश्रा सौ शैय्या चिकित्सालय में भर्ती कराया है।

15 मरीजों को दी गयी छुट्टी

सीएमओ डा. नरेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि कोरोना से ठीक हुए 15 मरीजों को छुट्टी दी गयी है। इनमें लोकबंधु अस्पताल में आठ, बक्शी का तालाब स्थित राम सागर मिश्रा सौ शैय्या अस्पताल में छह और पीजीआई में एक में भर्ती थे। इसके अलावा कैसरबाग और गोमतीनगर के विरामखंड 2, 3, 4 और 5 में संक्रमण से मुक्ति के लिए तीन सदस्य 30 टीम एवं 20 सुपरवाइजर की टीमों द्वारा कार्य किया गया। प्रत्येक टीम में 1 स्वास्थ्य विभाग, एक प्रशासन से तथा एक पुलिस विभाग के सदस्य शामिल थे। टीम ने घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया। टीम द्वारा 2538 घर का भ्रमण किया गया और 9017 जनसंख्या को आच्छादित किया गया।

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