उत्तर प्रदेशवाराणसी

काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित की जाएगी कनाडा में मिली मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा, 100 साल पहले हुई थी चोरी

लगभग 100 साल पहले वाराणसी से चुराई गई मां अन्नपूर्णा की 18वीं शताब्दी की एक मूर्ति  कनाडा ने भारत को लौटा दी है. अब भारत सरकार यह मूर्ती उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपेगी, जिसके बाद मूर्ती को काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित किया जाएगा. दरअसल माता अन्नपूर्णा की 18वीं शताब्दी की एक मूर्ति एक शताब्दी से पहले चोरी हो गई थी और इसे कनाडा ले जाया गया था. माना जाता है कि यह मूर्ति मूल रूप से वाराणसी की है और मैकेंजी आर्ट गैलरी में रेजिना विश्वविद्यालय के संग्रह का हिस्सा थी. इस मूर्ति की वसीयत 1936 में नॉर्मन मैकेंज़ी द्वारा करवाई गई थी और गैलरी के संग्रह में जोड़ा गया था. इसके बाद इसका नाम रखा गया.

ऐसे आया था मामला सामने

यह मामला उस समय सामने आया जब इस साल गैलरी में एक आगामी प्रदर्शनी की तैयारी चल रही थी. इसी दौरान कलाकार दिव्या मेहरा मैकेंजी के कलेक्शन से गुजरी थीं तभी उनकी नजर मूर्ति पर पड़ गई थी, जिसके बाद उन्होंने इस मुद्दे को उठाया और कहा था कि यह अवैध रूप से कनाडा में लाई गई है. जिसके बाद यह मूर्ति भारत को सौंपी गई थी.

15 नवंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित की जाएगी मूर्ती

रेजिना विश्वविद्यालय के अंतरिम अध्यक्ष व कुलपति थॉमस चेस ने यह मूर्ती भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को सौंपी थी. अब भारत सरकार इस मूर्ती को उत्तर प्रदेश सराकर को सौंपने जा रही है. भारत सरकार 11 नवंबर को दिल्ली में एक कार्यक्रम में मूर्ति को यूपी सरकार को सौंपेगी. जिसके बाद मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को 15 नवंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित किया जाएगा.

एक हाथ में खीर और दूसरे में चम्मच लिए हुए हैं मां

विश्वविद्यालय के एक बयान के अनुसार, मेहरा के शोध से पता चला है कि मैकेंजी ने 1913 में भारत की यात्रा की थी. इसी के बाद इसे कनाडा में लगाया गया हो. इस मूर्ति की पहचान भारतीय महिला व दक्षिण एशियाई कला के क्यूरेटर डॉ. सिद्धार्थ वी शाह ने पीबॉडी एसेक्स म्यूजियम में की है.

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