
नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह राज्यों के बीच भेदभाव नहीं करता है और केंद्र का वंदे भारत मिशन सभी फंसे हुए भारतीयों के लिए है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव पार्थ चटर्जी के इस आरोप के जवाब में यह टिप्पणी की कि केंद्र राज्यों के साथ भेदभाव कर रहा है। सरकार ने कोरोना वायरस पाबंदियों के चलते विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सात मई को वंदे भारत मिशन शुरू किया था।
श्रीवास्वत ने चटर्जी के पोस्ट को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ विदेश मंत्रालय राज्यों के बीच भेदभाव नहीं करता है। भारत सरकार का वंदे भारत मिशन सभी फंसे हुए भारतीयों के लिए है जिनमें पश्चिम बंगाल के लोग भी हैं। उनमें से 3,700 से अधिक लोगों ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लाए जाने के लिए पंजीकरण कराया है।’’ उससे पहले चटर्जी ने ट्वीट किया था, ‘‘ क्या विदेश मंत्रालय हमसे यह मान लेने को कह रहा है कि जॉर्जिया से गुजरात आने के लिए पर्याप्त लोग हैं लेकिन कोई कोलकाता नहीं आना चाहता है?
MEA does not discriminate between states. GOI’s Vande Bharat Mission is for all stranded Indians, including those from West Bengal. Over 3700 of them have registered for repatriation from different parts of the world. (1/2)@MoCA_GoI @HomeSecretaryWB https://t.co/CEzU0rCAnM
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) May 14, 2020
किर्गिस्तान से बिहार आने के लिए पर्याप्त लोग हैं लेकिन बंगाल लाने के लिए पर्याप्त लोग नहीं हैं। यह नाइंसाफी बंद करें।’’ श्रीवास्तव ने कहा,‘‘ उड़ानों को कोलकाता भेजने में हमें खुशी होगी यदि राज्य सरकार यात्रियों को पृथक-वास में रखने का इंतजाम करेगी। पश्चिम बंगाल के बाशिंदों को पड़ोसी देशों से भू सीमा से भी लौटने में भी हम मदद करेंगे। हम इस मामले में जल्द जवाब का इंतजार है।