व्यंग: सोम रस में डूबता लाॅकडाउन

“थोडी सी तो पी ली है, चोरी तो नहीं की है।”
फिल्म का ये गीत आज लाॅकडाउन में ढील होते ही सत्यार्थ होते नजर आया। उन महान देशभक्तों की बात करें जो कुछ दिन पहले थाली और दीपक जलाकर अपने धैर्य का परिचय दे रहे थे, वो आज असुर और देव की तरह सोम रस की एक बूंद के लिए भिक्षुक की भांति खड़े नजर आये। ये नजारा कुछ ऐसा था जैसे लोगों ने सरकार की मदद करने के लिए पीएम केयर में अनुदान देने से बेहतर उपाय खोज निकाला हो। दिल वालों की दिल्ली ने तो कमाल ही कर दिया।
गुढ़ के लिए चीटियां भी इतनी लम्बी लाइन नहीं लगाती जितना की दिल्ली के करोल बाग में रंगीन पानी में नहाने के लिए लोंगों ने लगायी। और तो और इस रंगीन पानी में डूब कर सोम देवता के दर्शन कर ही लेते की इतने में पुलिस ने आकर उनकी तपस्या भंग कर दी। राज्य सरकारों ने अपनी आर्थिक परिस्थितियों को जिस नांव के सहारे किनारे लाने की कोशिश की वही तरीका इस नांव को डूबाता नजर आ रहा है। ये कोई ताज्जुब की बात नही है की इसमें राशन की ख्वाहिश रखने वालो की संख्या भी शामिल हो।
अब तो इस बात अहसास होने लगा है सरकार को राषन कार्ड में एक जगह सोम रस की भी बना देनी चाहिए। फिलहान अब इस बात की उम्मीद की जा सकती है की देश की आर्थिक स्थिति का भार इन महान नशेड़ियों के कंधों पर आ टिका है। बस चखने की व्यवस्था हो जाए तो मानो लाॅकडाउन रूपी जीवन सफल।